इसलिए ठुकराया था बीसीसीआई अध्यक्ष का पद : प्रणब

paranab mukharji 2013-2-17

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि आठवें दशक में उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अध्यक्ष पद की पेशकश की गई थी। क्योंकि उन्होंने कभी क्रिकेट बैट भी नहीं पकड़ा था, इसलिए उन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी और इस पद के लिए एनकेपी साल्वे का नाम सुझाया था। शनिवार को राष्ट्रपति भवन में पहले एनकेपी साल्वे स्मारक व्याख्यान में मुखर्जी ने याद किया कि उनके कुछ करीबी लोगों ने 1982 में बीसीसीआइ के अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की पेशकश की थी।

उन्होंने यह पद स्वीकार न करने की वजह बताते हुए कहा, ‘हालांकि मैंने क्रिकेट पर कुछ साहित्य पढ़ा था और कुछ मैच देखे थे, लेकिन मैंने कभी क्रिकेट का बल्ला तक नहीं उठाया था।’ मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने इस पद के लिए अपने दोस्त और कांग्रेस के साथी नेता साल्वे का नाम सुझाया और उनके सुझाव को मान लिया गया। साल्वे 1982 से 1985 तक बीसीसीआइ के अध्यक्ष रहे और इसी दौरान 1983 में भारत ने पहला विश्व कप जीता। 1987 में क्रिकेट विश्व कप भारत और पाकिस्तान में कराने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। दोनों देशों ने उस साल मिलकर विश्व कप क्रिकेट की मेजबानी की थी। क्रिकेट से गहरा लगाव और प्रशासक के तौर पर खेल की बेहतरी में योगदान देने के अलावा साल्वे 2002 तक दो बार लोकसभा के लिए और चार बार राज्यसभा के लिए चुने गए।

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