नई दिल्ली । भाजपा नेता अरुण जेटली के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकालने के प्रयास मामले के मुख्य किरदार दिल्ली पुलिस कांस्टेबल अरविंद डबास को बुधवार को जेल भेज दिया गया। पुलिस अनुराग सिंह, नितेश और नीरज नामक तीनों जासूसों से अब भी पूछताछ कर रही है। जांच टीम को कुछ ईमेल आईडी मिली हैं, जिनका प्रयोग कॉल डिटेल मंगाने में किया जाता था। हालांकि आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो जासूसों ने अरविंद डबास की मदद से अन्य लोगों की कॉल डिटेल निकलवाने की बात तो स्वीकार की है, लेकिन अरुण जेटली मामले से खुद को अलग बता रहे हैं। पुलिस को जासूसी के खेल में कॉरपोरेट घरानों की भूमिका का भी पता चला है। कई कॉरपोरेट घराने दूसरों की गोपनीय जानकारी जुटाने के लिए पकड़े गए जासूसों की मदद लेते थे। इससे संबंधित कुछ दस्तावेज भी टीम के हाथ लगे हैं। पुलिस एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुके जासूस अनुराग सिंह को क्लीन चिट देने के मूड में नहीं है।
अमर सिंह फोन टैपिंग मामले में पहले भी अनुराग पकड़ा जा चुका है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार दक्षिण दिल्ली निवासी अनुराग सिंह कंप्यूटर का अच्छा जानकार है। खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ वह पहले कई मामलों में स्पेशल सेल की भी मदद कर चुका है। वह साइबर एक्सपर्ट है। इंटरनेट पासवर्ड हैक करने में महारथ रखने वाले अनुराग सिंह को किसी का फोन टेप करने या उसकी कॉल डिटेल निकालने संबंधी दिल्ली पुलिस की प्रक्रिया भी अच्छी तरह पता है। एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद अनुराग ने प्रैक्टिस नहीं की बल्कि जासूसी का धंधा अपनाया। दक्षिण दिल्ली व कनॉट प्लेस में उसकी जासूसी एजेंसी हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अभी तक की पूछताछ में सामने आया है कि अरविंद डबास के सहयोगी नीरजराम से अनुराग के दोस्त नितेश की दोस्ती थी।
अनुराग को जब भी किसी की कॉल डिटेल या अन्य किसी प्रकार की जानकारी चाहिए होती थी वह नितेश से बोलता था। नितेश इसके लिए नीरजराम का सहारा लेता था। पूछताछ में पता चला है कि अनुराग के कई अन्य जासूसी एजेंसियों से भी संपर्क थे। पुलिस में उसके नेटवर्क को देखकर अन्य एजेंसियां भी उसे अपना काम सौंपती थी। स्पेशल सेल अब इस बात का पता लगा रही है कि आखिर वह कौन सी जासूसी एजेसियां हैं जो अनुराग की सेवाएं लेती थीं। बुधवार को स्पेशल सेल ने अरविंद डबास को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विद्या प्रकाश की अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।