अश्लील आरोप भी पति-पत्नी के बीच तलाक का आधार

national-obscene-charges-is-also-base-for-divorce 2013-2-23

नई दिल्ली। जीवनसाथी के खिलाफ निराधार शिकायतें और अश्लील आरोप लगाना भी तलाक का आधार बन सकता है। शीर्ष अदालत ने अपने एक फैसले में कहा कि साथ न रहना, जीवनसाथी के प्रति मानसिक क्रूरता साबित होने की शर्त नहीं है।

अदालत ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को दरकिनार कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर पति और पत्‍‌नी साथ नहीं रहते तो मानसिक क्रूरता का सवाल नहीं उठता। जस्टिस आफताब आलम और रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने शादी के दूसरे दिन के बाद से (करीब दस साल) अलग रह रहे दंपति के तलाक को मंजूरी दे दी। पीठ ने पाया कि मामले में पत्‍‌नी ने पति और ससुराल वालों पर अश्लील और अपमानजनक आरोप लगाए।

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