24 कैदी नौकरी करने जाएंगे जेल से बाहर

रणविजय सिंह, न24-prisoners-found-work-out-side-from-jail 2013-2-23ई दिल्ली। सेमी ओपन जेल में 12 साल तक की सजा पाने वाले कैदी व आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी रह पाएंगे। नए नियम के लागू होने के बाद 24 कैदियों को इसके योग्य पाया गया है, जो सेमी ओपन जेल में रहकर तिहाड़ से बाहर नौकरी करने जाएंगे। वे शाम सात बजे तक वापस जेल आ जाएंगे।

यह सुविधा उन्हीं कैदियों को मिलेगी जो जेल में पांच साल तक सजा काट चुके हैं और उनका आचरण अच्छा रहा है। दूसरी ओर राजधानी में अपराध का जाल कितना गहरा है, इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि तिहाड़ जेल में 51,312 कैदी पहुंचे। इनमें 79 प्रतिशत कैदियों के पैर पहली बार अपराध के दलदल में फंसे। एक प्रतिशत कैदी जेल से छुटने के बाद दोबारा अपराधिक वारदात कर जेल पहुंच गए। तिहाड़ जेल में आयोजित वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में तिहाड़ जेल की महानिदेशक ने बताया कि साल में कुल 51312 कैदी दाखिल हुए।

इनमें 10705 कैदी दोबारा अपराध कर जेल आए। इनमें 8806 विचाराधीन और 1899 सजायाफ्ता कैदी हैं। जेल में दाखिला हुए कुल कैदियों में 40607 कैदी पहली बार जेल पहुंचे थे।

रेप के कैदियों की संख्या बढ़ी

जेल में सबसे ज्यादा हत्या, चोरी व रेप के कैदी बंद हैं। विशेष बात यह कि जेल में रेप के कैदियों की संख्या बढ़ी है। पिछले साल 8.48 प्रतिशत कैदी रेप के आरोप में बंद थे। जबकि वर्तमान में दुष्कर्म के आरोपी कैदी करीब दस प्रतिशत हैं।

अगले महीने होगा कैंपस प्लेसमेंट

महानिदेशक विमला मेहरा ने कहा कि कैदियों के सुधार व पुनर्वास के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जेल-9 के कंबल यूनिट में 80 कैदियों को नौकरी मिली है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर शुरू कृत्रिम फूल की यूनिट में 150 कैदियों को रोजगार मिलेगा। दो कैंपस प्लेसमेंट 161 कैदियों को नौकरी मिली। अगले महीने फिर कैंपस प्लेसमेंट होगा। जेल फैक्टरी का टर्न ओवर चालू वित्त वर्ष में अभी तक 26 करोड़ में हो चुका है। वित्त वर्ष के अंत तक यह 27 करोड़ होने की उम्मीद है। जो पिछले साल 18 करोड़ था।

मोबाइल आम, जैमर नाकाम तिहाड़

जेल के अंदर से सौम्या विश्वनाथन हत्या के आरोपी अमित शुक्ला द्वारा मोबाइल फोन के माध्यम से रंगदारी मांगने के मामले ने जेल प्रशासन की नींद हराम कर दी थी। हर बार जेल प्रशासन जेल के अंदर मोबाइल के उपयोग पर सफाई देता है और साथ ही हर वर्ष जैमर की संख्या भी बढ़ाई जाती है, लेकिन हर बार जेल के अंदर से मोबाइल बरामद होने की पुष्टि होती है। तिहाड़ जेल की महानिदेशक विमला मेहरा ने सात मोबाइल फोन बरामद होने की पुष्टि की। उन्होंने तिहाड़ में मोबाइल फोन पहुंचने के प्रकरण को मानवीय भूल करार दिया। जेल अधिकारी के मुताबिक तिहाड़ के अलग-अलग जेलों में 11 मोबाइल फोन जैमर लगे हुए है। 21 नए मोबाइल जैमर लगाए जाएंगे। बावजूद इसके तिहाड़ में मोबाइल का उपयोग धड़ल्ले से होता है। सूत्रों का कहना है कि जो जैमर जेल में लगे हुए हैं, वे कमजोर हैं। जैमर के ऊपरी हिस्से पर लोहे या किसी नुकीली चीज से घिस दिया जाता है। इसके बाद हर सेलुलर कंपनी के सिम को मोबाइल सेट में डालकर चेक किया जाता है। जो सिम चल जाता है, उसे लगाकर बातचीत की जाती है। मोबाइल रिचार्ज करना भी बड़ा आसान है। ज्यादातर मोबाइल बाहर से ही रिचार्ज करवाए जाते हैं। कैदी मोबाइल फोन की मदद से अपने जानकार को रिचार्ज करने के लिए बोलते हैं। कैदियों के भाषा में मोबाइल को कबूतर कहा जाता है। रात में मोबाइल का इस्तेमाल किया जाता है।

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