नई दिल्ली। हैदराबाद बम धमाकों में इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी) के इस्तेमाल की बात कही जा रही है। एक ऐसा यंत्र या पूर्ण सर्किट जिसे विस्फोट करने के इरादे से बनाकर उसमें विस्फोटक या रसायन फिट किया जाता है, आइईडी कहलाता है। इसको किसी तकनीकी दक्षता और संसाधनों के बगैर घर में ही तैयार किया जा सकता है। इसमें विस्फोटक भरकर या विस्फोटकों के साथ रेडियोलॉजिकल, रासायनिक और जैविकीय हथियारों को मिलाकर विस्फोट कराया जा सकता है।
इतिहास:
वियतनाम युद्ध के दौरान गुरिल्ला लड़ाई में इसका बड़े पैमाने पर प्रयोग किया गया। वर्तमान में अफगानिस्तान और इराक युद्ध में आतंकवादी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
निर्माण:
आइईडी के निर्माण में पांच चीजों का इस्तेमाल किया जाता है:
-एक स्विच
-फ्यूज
-बॉडी विस्फोटक
-बैटरी
विस्फोट:
इसके डिजायन और वांछित लक्ष्य के आधार पर इसे कई प्रकार से विस्फोट कराया जा सकता है। मसलन कार या ट्रक में रखकर या आत्मघाती हमलावर इसको अपने शरीर में धारण कर विस्फोट करता है। स्टील के बॉक्स में भी इसको फिट किया जा सकता है। इनमें कील या धातु के छोटे-छोटे टुकड़े भी भरे जाते हैं।
विस्फोट का तरीका
-वायर
-रेडियो
-सेलफोन
-रिमोट कंट्रोल
-इंफ्रा रेड या मैग्नेटिक ट्रिगर।