नई दिल्ली। देश के करीब सौ साल पुराने औद्योगिक घराने जेके समूह के प्रेसीडेंट हरि शंकर सिंहानिया का बीती रात निधन हो गया। पद्यभूषण से सम्मानित 79 वर्षीय सिंहानिया के पार्थिव शरीर का शनिवार को नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके निधन पर उद्योग जगत ने शोक जताया है।
समूह के एक प्रवक्ता ने बताया कि सिंहानिया ने राजधानी स्थित अपने आवास पर शुक्रवार देर रात को अंतिम सांसें लीं। सिंहानिया परिवार के सबसे बुजुर्ग होने के नाते वह जेके समूह की अगुआई कर रहे थे। यह दीगर है कि तीन हिस्सों में विभाजित इस समूह की कंपनियों का आपस में कोई संबंध नहीं है।
20 जून, 1933 को कानपुर में जन्मे सिंहानिया विज्ञान में स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद वर्ष 1951 में जेके समूह से जुड़े थे। उन्हें देश में अहम उद्योगों की स्थापना और उनकी उद्यम क्षमताओं के लिए जाना जाता है। उद्योग क्षेत्र में उनके योगदान के चलते वर्ष 2003 में उन्हें राष्ट्रपति ने पद्य भूषण सम्मान से नवाजा था। इसके अलावा उन्हें देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित सम्मान मिले थे।
सिंहानिया ने देश और विदेश में उद्योग संगठनों व परिषदों का नेतृत्व किया था। वह वर्ष 1993-94 में इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (आइसीसी), पेरिस की अध्यक्षता करने वाले दूसरे भारतीय बने। वह लखनऊ स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) के निदेशक मंडल में वर्ष 1992 से 2007 के बीच पंद्रह साल तक चेयरमैन रहे।
दिल्ली स्थित जेके समूह वाहनों के टायर, ट्यूब, पेपर, सीमेंट, बिजली ट्रांसमिशन उपकरण, ऊनी कपड़े, रेडीमेड सूट और परिधानों का निर्माण करता है। इसके अलावा खाद्य एवं डेयरी उत्पाद, हाइब्रिड बीज और कॉस्मेटिक्स सहित विभिन्न उत्पादों के उत्पादन से भी जुड़ा है। समूह की कंपनियों में जेके पेपर, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज, जेके लक्ष्मी सीमेंट वगैरह शामिल हैं। समूह की कंपनियों में कुल 30,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके उत्पाद 80 से ज्यादा देशों में बेचे जा रहे हैं।
संक्षिप्त परिचय
पूरा नाम- हरि शंकर सिंहानिया
जन्म स्थान- कानपुर
निधन- 22 फरवरी 2013
शिक्षा – बीएससी
सम्मान
-2003 में पद्यभूषण
-2005 में स्वीडन का रॉयल ऑर्डर ऑफ द पोलर स्टार
-2008 में पेपर इंडस्ट्री का इंटरनेशनल हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड
-2010 में एंटरप्राइज एशिया का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड।