वाह रे रेल प्रशासन, कूड़े में पड़ी रही कत्ल-ए-आम की धमकी

national-no-one-consider-serious-high-alert-in-railway 2013-2-25

अभिनय सिंह, बरेली। आम जिंदगियों की सुरक्षा को लेकर हमारी मशीनरी कितनी चुस्त-दुरुस्त है, हैदराबाद धमाके इसकी बानगी भर हैं। अफजल गुरु को फांसी के बाद से बड़े शहर ही नहीं, भारतीय रेल भी आतंकियों के निशाने पर है। भारी संख्या में मुसाफिरों के कत्ल-ए-आम की धमकी दी जा चुकी है लेकिन हमारे सुरक्षा तंत्र की सुस्ती ट्रेनों से कुछ कम नहीं है।

रेलवे बोर्ड 14 फरवरी को ही अलर्ट जारी कर चुका था लेकिन ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाई गई हैदराबाद कांड के बाद। गनीमत रही कि इस दौरान कोई ट्रेन आतंकियों का निशाना नहीं बनी। खुफिया विभाग द्वारा पकड़े संदेश के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के जिला कमांडर कारी यासिर ने कहा है कि भारत से अफजल गुरु की शहादत का बदला लिया जाएगा। इसमें प्रमुख शहरों के साथ भारतीय रेल को भी निशाना बनाने की बात कही गई। इस धमकी के बाद रेलवे बोर्ड ने 14 फरवरी को अलर्ट जारी कर दिया। इसमें रेलवे के मुरादाबाद मंडल में हरिद्वार, लखनऊ और बरेली को सबसे ज्यादा खतरा बताया गया। सूत्रों के मुताबिक, रेलवे बोर्ड की यह चेतावनी 17 फरवरी तक सभी जगह पहुंच गई लेकिन किसी ने गंभीरता से लिया ही नहीं।

बरेली में उत्तर रेलवे के सीनियर डिवीजनल सिक्योरिटी कमिश्नर आरपीएफ की ओर से भेजा गया अलर्ट रद्दी में दबा दिया गया। हैदराबाद में आतंकी वारदात के बाद रेल और उससे जुड़ी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट याद आया। बरेली में त्रिशूल एयरबेस, आइटीबीपी मुख्यालय, बीएसएफ मुख्यालय, सेना का उत्तर भारत एरिया हेड क्वार्टर, विश्वस्तरीय संस्थान आइवीआरआइ, सीएआरआइ आदि कई महत्वपूर्ण संस्थान हैं, इसलिए यहां हमेशा ही खतरा बना रहता है।

आतंकी घटनाओं पर नकेल के लिए एनसीटीसी का गठन जरूरी

वाराणसी । केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा, आतंकी घटनाओं पर नकेल के लिए एनसीटीसी (नेशनल सेंटर ऑफ टेररिज्म काउंटर) का गठन जरूरी हो गया है। वजह, पड़ोस में ईष्र्यालु शक्तियां बैठी हैं और देश के अंदर पनप रही सांप्रदायिक ताकतों को देश की प्रगति नहीं सुहा रही है। अपना हित साधने के लिए ये आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रही हैं। उन्होंने कहा, आतंकी ताकतों से निपटने को उसी तरह की कमेटी का गठन भी होना चाहिए। यदि एनसीटीसी पास हो जाता तो केंद्र की भी जवाबदेही तय हो जाती। कोई राज्य इस भ्रम में न रहे कि उनके यहां आतंकी घटना नहीं होगी, उन्हें इस भ्रम से बाहर निकल कर सामूहिक प्रयास करना होगा।

फिलहाल धमाकों से कनेक्शन नहीं मुजफ्फरपुर। हैदराबाद से काठमांडू जाने के क्रम में शुक्रवार रात रक्सौल में गिरफ्तार दो संदिग्ध युवकों से एनआइए व आइबी की टीम ने बंद कमरे में अलग-अलग पूछताछ की। बाद में दोनों को रविवार दोपहर पुलिस अभिरक्षा में मोतिहारी ले जाया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल ओमार मकरान (सोमालियावासी) व हैदराबाद के मुहम्मद आमद अहमद के पास से विदेश जाने के कागजात नहीं मिले, लेकिन वीडियो कैमरा है। इसमें सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन और जीआरपी कार्यालय के फुटेज हैं। पूछताछ के दौरान एनआइए व आइबी की टीम सक्रिय रही। जांच में पुलिस को पता चला है कि आमद ने अपने ड्राइविंग लाइसेंस में जो पता दिखाया है, वह फर्जी है। लाइसेंस में रेठीबौली के दिए गए पते पर पुलिस ने पड़ताल की तो मकान मालिक ने बताया कि इस नाम को कोई आदमी उनके यहां नहीं रहा। लाइसेंस में दिए गए अन्य विवरण के बारे में तहकीकात चल रही है। मकरान जर्मनी में रहता है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों संदिग्ध दस दिन पूर्व हैदराबाद गए थे। वहां से काठमांडू जा रहे थे।

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