प्रतापगढ़। बलीपुर के तिहरे हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई को कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं जिसके मुताबिक ऐसे संकेत मिले हैं कि पांच में से दो आरोपी घटनास्थल न केवल मौजूद थे, बल्कि लखनऊ में दो लोगों से लगातार संपर्क में भी थे। हालांकि जांचकर्ता यह पता नहीं लगा पाए हैं कि जिन दो नंबरों पर लखनऊ बातचीत हो रही थी वह पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे थे या उनके किसी करीबी द्वारा। राजा भैया उन पांच आरोपियों में से एक हैं जिन पर डीएसपी जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
आजाद ने इसके अलावा मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, राजा भैया के ड्राइवर संजय प्रताप सिंह उर्फ गुड्डू सिंह, राजीव प्रताप सिंह और हरिओम श्रीवास्तव को नामजद अभियुक्त बनाया है।
परवीन से बातचीत के बाद सीबीआई लगभग मान चुकी है कि जिस दिन हक की हत्या हुई उस दिन गुलशन यादव और श्रीवास्तव बलीपुर गांव में मौजूद थे। हक वहां ग्राम प्रधान नन्हे यादव की हत्या की जांच के लिए गए थे।
इसके साथ ही दोनों आरोपियों की घटनास्थल पर मौजूदगी के सबूत कुंडा कोतवाली के निलंबित प्रभारी सर्वेश मिश्रा की डायरी से भी मिले हैं, जिन्होंने नन्हे यादव की हत्या की जांच के लिए उसके घर पर पहुंचने के बाद वहां मौजूद कई लोगों के नाम डायरी में दर्ज किए थे। जब पुलिस वहां पहुंची तब भारी संख्या में लोग वहां मौजूद थे और उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया।
उधर, सीबीआई ने मंगलवार को राजा भैया के कॉल डिटेल खंगालने के बाद उनके करीबियों के यहां छापेमारी शुरू कर दी है। तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनसे पूछताछ जारी है। आधा दर्जन दूसरे ऐसे लोग, जो छापे में सीबीआइ के हत्थे नहीं लगे हैं, उनके परिवारीजनों को उन्हें पेश करने की हिदायत दी गई है। सूत्रों के अनुसार हिरासत में लिए गए इन तीन लोगों का पांच दिनों के लिए रिमांड पर लिए गए गुड्डू सिंह और राजीव प्रताप सिंह से बुधवार को आमना-सामना भी कराया जा सकता है। चर्चा इस बात की भी है कि सीबीआइ ने इलाके के 15 लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी की है, वैसे इनमें से कोई भी अभी तक सीबीआइ तक नहीं पहुंचा है। राजा के करीबी मोहद्दीनगर (बलीपुर) के रहने वाले संतोष उर्फ ढेबा, राममूरत उर्फ गुंडेबाज व नन्हें सिंह को नगर पंचायत कैंप कार्यालय में लाकर सीबीआइ ने घंटों पूछताछ की। दोपहर एक बजे से शुरू हुई पूछताछ शाम तक चलती रही। शाम छह बजे संतोष और नन्हें को अपनी कार में बैठाकर सीबीआइ टीम कहीं रवाना हो गई। उम्मीद है कि दोनों ने टीम को कोई पुख्ता जानकारी दी है जिसके बाद अधिकारी उन्हें लेकर निकले हैं। हालांकि देर रात पता चला कि नन्हे और संतोष को डीहा इंटर कालेज में पीएसी की निगरानी में रखा गया है, जबकि राममूरत को कैंप कार्यालय में ही रखा गया है। अफसरों ने तीनों से उनके और राजा के संबंध के अलावा सीओ से संबंधित सवाल भी दागे। सीबीआई ने उनसे घटना के बाबत जानकारी इकट्ठा की। मसलन घटना के वक्त गांव में कौन कौन लोग मौजूद थे। इसमें से कितने राजा भैया के करीबी थे। जब सीओ को गोली मारी गई तो वे तीनों कहां थे। बताते हैं कि तीनों से सीबीआइ को अहम सुराग मिले हैं। राजा के कई और करीबियों से भी सीबीआइ पूछताछ कर सकती है।
इसके पहले सोमवार देर रात प्रधान के घर बलीपुर पहुंची पुलिस ने प्रधान और उसके भाई की लाइसेंसी राइफल व दोनाली बंदूक को कब्जे में ले लिया। सीबीआइ टीम ने जांच में पाया कि राइफल और बंदूक को अच्छी तरह से धोने के बाद रखा गया था। हालांकि फायर होने की पुष्टि के लिए सीबीआइ राइफल, बंदूक की फोरेंसिक जांच कराएगी। इसके अलावा उन लोगों के भी लाइसेंसी असलहे सीबीआइ कब्जे में लेने की तैयारी कर रही है, जिनकी मौजूदगी घटनास्थल पर पाई गई थी। यही नहीं, सीबीआइ जल्द ही प्रधान के पिता और घर में मौजूद महिलाओं से पूछताछ कर सकती है।