‘राम सिंह ने लिखा सुसाइड नोट, तुमसे ना हो पाएगा’

ramsinghtwit 2013-3-13नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप के मुख्य आरोपी राम सिंह के खुदकुशी किए जाने के मामले पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। तिहाड़ जेल में इतनी कड़ी सुरक्षा के बाद भी राम सिंह आत्महत्या करने में कैसे सफल हो पाया इस बात पर आशंका जताई जा रही है। आरोपी के वकील और पिता ने इसे हत्या करार देते हुए कहा कि ये सब एक साजिश के तहत हुआ है। राम सिंह की मौत ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन, सरकार और तिहाड़ जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशाना लगा दिया है। सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर भी लोगों ने दिल्ली पुलिस और सरकार की नाकामयाबी पर तीखा वार किया है। कुछ लोगों ने तो राम सिंह के इस कदम को सरकार की व्यर्थता करार दिया है। तो कुछ लोगों ने राम सिंह के इस कदम की सराहना करते हुए लिखा है कि नादान परिंदा घर लौट गया है।

-कृतिका लिखती हैं कि राम सिंह ने ये कदम इसलिए चुना क्योंकि जेल में उसे उसके किए की कम ही सजा मिलती थी।

-दिपांकर लिखते हैं कि राम सिंह की मौत के बाद उसके साथी काफी खुश होंगे और गाएंगे कि नादान परिंदा घर लौट आया। जहां उसका असली ठिकाना था।

– राजीव लिखते हैं कि एक बार फिर राम सिंह ने अपने इस कदम से सरकार और प्रशासन का पर्दाफाश कर दिया। सरकार एक बार फिर से नाकाम हो गई।

-राजा लिखते हैं कि सरकार को पता नहीं कितना वक्त लग जाता आरोपियों को सजा देने में, इसलिए आरोपी ने खुद ही ऐसा कदम उठाकर सरकार की मुश्किलें कम कर दी।

-खुशबू लिखती हैं कि राम सिंह की मौत ने विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का एक और मौका दे दिया।

– मेनका लिखती हैं कि सीबीआई की थाली में पहले से ही काफी कुछ था खाने को अब एक और सामग्री डल गई तो इसमें बड़ी बात नहीं है।

– अभिषेक लिखते हैं कि राम सिंह की मौत ने भारतीय न्यायिक प्रक्रिया पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं क्योंकि राम सिंह ने देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में इतनी कड़ी सुरक्षा के बाद भी खुदकुशी कर ली। उसे देश की न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा नहीं था।

-कुणाल कोहली लिखते हैं कि राम सिंह ने तो खुदकुशी कर ली। क्या अन्य आरोपियों के लिए डेंगू का इंतजार करें।

-फ्लोडिया और अभिजीत मजूमदार लिखते हैं कि राम सिंह ने जूडिशियरी के लिए एक सुसाइड नोट में लिखा है कि तुमसे ना हो पाएगा।

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