देहरादून। दिल्ली गैंग रेप की पीड़िता के परिजनों ने देहरादून स्थित साई इंस्टीट्यूट के उस ऑफर को ठुकरा दिया है जिसने पूरी फीस वापस करने का प्रस्ताव रखा था। परिजनों का कहना है कि इस राशि का उपयोग अब गरीब मेधावी और जरूरतमंद विद्यार्थियों की शैक्षिक सहायता के लिए किया जाना चाहिए।
यह ऑफर उस संस्थान की ओर से आया था जहां से पीडि़ता ने दिल्ली में बसंतपुर गैंगरेप का शिकार होने से पूर्व चार वर्षीय फीजियोथैरेपी कोर्स पूरा किया था। लेकिन 16 दिसंबर को गैंगरेप की शिकार हुई पीड़िता ने सिंगापुर में लंबे संघर्ष के बाद दम तोड़ दिया था। संस्थान के निदेशक हरीश अरोरा ने बताया कि कल पीड़िता के पिता अपने बेटे के साथ उसकी [पीड़िता] अंतिम साल की मार्कशीट लेने पहुंचे थे।
अरोरा ने बताया कि पिता अपनी बेटी की उस मार्कशीट देखकर बहुत भावुक हो गए थे जिसमें उसने 73 फीसदी अंक हासिल किए थे। पिता ने कहा कि चार साल के कोर्स पर 1.8 लाख रुपये का खर्च आया था लेकिन अब इस राशि का उपयोग ऐसे मेधावी छात्रों के स्कॉलरशिप के रूप में किया जाना चाहिए जो पढ़ाई का खर्च उठा पाने में असमर्थ हैं।’ अरोरा ने बताया कि पिता के रूप में संस्थान में अन्य छात्रों की तुलना में अपनी बेटी के ज्यादा अंक देखकर उन्हें बेहद गर्व हो रहा था। लेकिन गौरवान्वित पिता अपनी लाडली बेटी के न होने से बेहद दुखी भी था। दुखी पिता ने कहा, ‘अपनी बेटी की जुदाई की पीड़ा वह तब तक सहते रहेंगे जब तक वह जिंदा रहेंगे।’