छतरपुर। गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब समाचार जगत से जुडे़ पत्रकारों जिसमें प्रिंट मीडिया, इलैक्ट्रानिक, सौशल नेटवकिंग, एवं स्वतंत्र पत्रकारिता करने बालों व्यक्तियों की संस्था है। इस संस्था के माध्य से हमने संकल्प लिया है कि भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार की, विकास एवं आम जन के हितों केलिए बनाई गई योजनाओं का प्रचार प्रसार तो करेगे, साथ ही संस्था से जुड़े़ व्यक्तियों पदाधिकारियों, सदस्यों की जो समस्याये है उन्हे प्राथमिकता से उठायेगें, उन्हे हल कराने केलिए पहल करेगें यदि हमारी बात को नही सुना जायेगा तो हम गोष्ठी, सम्मेलन, प्रदर्शन, आन्दोलन के माध्यम से सरकार से अपनी समस्याओं का समाधान कराने के लिए बाध्य होगी। हम संस्था के निर्णय के अनुसार इस संस्था का कार्य क्षेत्र मध्य प्रदेश है,जिसकी शांखाये स्थापित हो रही है। हमारी संस्था के कुछ सुझाव व मॉग पत्र है उन्हे पूर्ण कराने के आदेश करने की कृपा करें।
1-मध्य प्रदेश सरकार की जो बेबसाईट एमपी इनफो या अन्य है उसमें जन सम्पर्क विभाग के जो फोन नम्बर,कोर्ड नम्बर या मोबाईल नम्बर है उनमें बहुत कुछ गलत है, अनेक जिला जन सम्पर्क अधिकारियों की आई डी ई-मेल दर्ज नही है जो दर्ज है वह बंद हो चुकी है। पूर्ण सही दर्ज कराई जावें। पत्येक थाना प्रभारी की तहत जन सम्पर्क अधिकारी(पी.आरओ.)उनके पास जो मोबाईल नम्बर हो उसका नम्बर बेब साईट पर हो उसका परिवर्तन न हो भले ही अधिकारी बदलते रहे। मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिला जन – सम्पर्क कार्यालय में पंजीबध्द पत्रकारों की सूची नाम पता सम्पर्क सहित बेब साईट पर दर्ज कराई जिससे जिससे जिला का कोई भी अधिकारी, नेता, पत्रकार आम व्यक्ति अपने अपने जिला, संभाग, या प्रदेश के पत्रकारों दैनिक समाचार पत्रों चैनल आदि की जानकारी पल झपकते प्राप्त कर सके।
2-मध्य प्रदेश के अंदर कितने पत्रकार संगठन है उनकी जानकारी, उनके पंजीयन नम्बर, उनके पदाधिकारियों की जानकारी आवष्यक रूपसे ली जावे तथा जन सम्पर्क विभाग में दर्ज होना चाहिये ।
3-मध्य प्रदेश सीमा क्षेत्र के समस्त जिला मुख्यालय पर पत्रकारो जिसमें संपादक, सह-संपादक, व्यूरो चीफ, संवाददाता, प्रतिनिधि, सदस्यों जो भी प्रेस से जुड़े व्यक्ति जिन्हे हम पत्रकारिता के क्षेत्र में जान सकते है उनके लिए एक शासन की राशि पर 30 बाई 60-यानी 1800 वर्गफुट का जन सम्पर्क विभाग की निधि से प्रत्येक जिला मुख्यालय पर भवन का निमार्ण सरकारी ऐजेन्सी के माध्यम से कराया जावे। इस भवन में ही सहायक संचालक जन सम्पर्क विभाग स्थापित हो,तथा जिला के किसी भी अधिकारियों, प्रभारीमंत्री,मंत्री,सांसद,विधायक या पत्रकार वार्ता केलिए,पत्रकारों की बैठको,पत्रकारों के सम्मेलन आदि के लिए भवन में एक हॉल एवं कार्यालय हो जो सरकारी नियमों के तहत ही रहे तथा सरकार की संपत्ति हो। ऐसे भवन बनाये जावे।
4-मध्य प्रदेश क्षेत्र की समस्त तहसील क्षेत्र में प्रेस, पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने बाले प्रत्येक पत्रकारों की जानकारी तहसील कार्यालय, पुलिस थाना प्रभारी के पास विधिवत दर्ज होना चाहिये। स्थानीय संपादक,अधिकृत संवाददाता है उनकी जानकारी रखने के आदेश दिये जावे जिससे सरकार, प्रशासन एवं पत्रकारों के बीच की दूरीयॉ समाप्त होगी तथा फर्जी पत्रकारों से छुटकारा प्राप्त होगा ।
5-मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जो बीमा योजना लागू की गई उसमें सरलीकरण किया जावे। उसमें एक प्रकार से ऐसा प्रावधान हो, अधिकारी पत्र, नवीनीकरण की सत्यप्रतिलिपि /छायाप्रति प्राप्त होते ही एक साल का बीमा सरकार अपनी ओर से पत्रकारों का कराये, बीमा की राशि दो लाख से कम न हो ।
6-मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जो सुविधाये अधिमान्य पत्रकारों को दी जा रही है,वह सभी सुविधायें समस्त पत्रकारों के हितों में लागू की जावे ।
7-प्रसारित एवं प्रकाशित समाचार पत्रों का रिकार्ड जन सम्पर्क विभाग में हो,आम आदमी यदि समाचार का रिकार्ड प्राप्त करना चाहे तो उसे विभाग द्वारा संबंधित समाचार पत्र, चैनल, बेब साईट की कॉपी निर्धारित मूल्य पर मिल सके ।
8-जन सम्पर्क विभाग में ऐसे पत्रकारों का ही पंजीयन किया जावे जिनका चरित्र प्रमाण पत्र विभागीय तौर पर सही है, अपराधिक प्रवृति या सजा आफता वाले व्यक्तियों को जन सम्पर्क विभाग से दूर रखा जावे ।
9-जन सम्पर्क विभाग में पंजीबद्ध पत्रकार जो रोजगार से नही है या जिनकी वार्षिक आय समस्त स्त्रोतो से एक लाख से ऐसे पत्रकारो को सरकार अपनी गारंटी पर दस लाख रू तक का बैंक ऋण प्रदान कराया जावे जिससे उनके परिवार का संचालन हो तथा परिवारिक समस्याओ का निराकरण हो सके ।
10-मध्य प्रदेश जन सम्पर्क विभाग के नियम में इस प्रकार का प्रावधान किया जावे कि प्रत्येक जिला की नगर पंचायत/ नगर पालिका/ थाना क्षेत्र में कार्य करने बाले पंजीकृत पत्रकारों की कार्यशाला आवष्यक रूप से कराई जावे,वर्तमान में पत्रकारों की कार्यशाला साल दो साल में एक बार होती है उसका समय तीन माह से अधिक न हो जिससे निष्पक्ष पत्रकारिता बनी रहेगी तथा पत्रकारिता को एक मिशन के रूप में सरकार एवं जनता के बीच किस तरह कार्य करना है इसका पत्रकारों को पूर्ण अनुभव होगा । साथ ही पत्रकारों को मानहानि जैसे अपराधिक मामलों से बचने का अवसर मिलेगा ।
पत्रकारों के हितो का ध्यान रख कर ही ज्ञापन भेज गया है.
हम संपादकीय लेखन के इच्छुक है,
और हम आप सभी के विद्यार्थी प्रेस क्लब से जुड़ना चाहते है ।