नई दिल्ली । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रैली से एक दिन पहले शनिवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में दस्तक दी। एक मीडिया समूह के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि देश को एक्ट नहीं एक्शन चाहिए। उनके मुताबिक भ्रष्टाचार पर तकनीक के जरिये अंकुश लगाया जा सकता है। हालांकि पीएम उम्मीदवार के सवाल पर मोदी कन्नी काट गए।
नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी की ओर संकेत करते हुए कहा कि कोई बाहें चढ़ाकर यह कहे कि हमारी सरकार ने इस एक्ट या उस एक्ट को लागू किया तो इस पर मेरा कहना है कि ये आपकी सरकार ने नहीं किया है। ये सब तो संविधान द्वारा दी गई चीजें हैं। केंद्र में जो भी सरकार होगी, जनहित में एक्ट लागू करना उसकी जिम्मेदारी है। मोदी ने गुजरात में अपने विकास मंत्र पर चर्चा करते हुए कहा कि देश के विकास के लिए इच्छाशक्ति और जनांदोलन जरूरी हैं। इसके लिए मानसिकता भी बदलनी होगी। उनके अनुसार, हमें अपने संसाधनों पर गर्व होना चाहिए। गुजरात ने अपने संसाधनों के इस्तेमाल के जरिये ही विकास किया। गुजरात ने जो किया वह देश भी कर सकता है।
मोदी ने कहा कि विकास के लिए एक लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए सरकारी काम में बदलाव लाने की जरूरत है। जनता और सरकार में तालमेल होना आवश्यक है। ये नहीं चलेगा कि पांच साल एक सरकार चले और अगले पांच साल कोई और सरकार। इस मामले में गुजरात ने लोकतंत्र की नई परिभाषा पेश की है। देश के अन्य राज्यों में भी इस तरह की स्थितियां बनानी होंगी। लोकतंत्र का मतलब सिर्फ पांच साल नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी पड़ोसी देशों से अच्छे रिश्तों की तरफदारी की। लेकिन कहा कि अपने हितों की रक्षा सबसे जरूरी है। कुपोषण पर मोदी का कहना था कि फास्ट फूड संस्कृति ने सेहत बिगाड़ी है। अच्छे परिवारों में भी कुपोषण की शिकायत है। आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि इस पर नियंत्रण के लिए काम करने के मामले में गुजरात 33 फीसद के साथ देश में सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि गुजरात में अफसरों के बेवजह तबादले नहीं किए जाते। कार्यक्रम में मोदी के संबोधन से पहले 10-12 मिनट की एक फिल्म भी दिखाई गई, जिसमें गुजरात में विकास पद्धति को प्रदर्शित किया गया।