नई दिल्ली। इटली ने नौसैनिकों की वापसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अभी तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया है। संभावना है कि इटली में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में इतालवी राजदूत जवाबी हलफनामे के बजाय और समय मांगने की दलीलें लेकर अदालत पहुंचें।
सुप्रीम कोर्ट ने इतालवी राजदूत को नौसैनिकों की वापसी पर मुकरने के मामले में 18 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा था। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार रजिस्ट्री के माध्यम से अदालत के पास अपना जवाब पहुंचाने के लिए शनिवार दोपहर तक का वक्त था, लेकिन समय सीमा बीतने के बावजूद इतालवी राजदूत का जवाब अदालत को नहीं मिला। वैसे इटली सरकार के पास सोमवार को सीधे अदालत में अपनी बात रखने का मौका अभी है। इतालवी खेमे से मिल रहे संकेतों के मुताबिक इटली सरकार जवाब दाखिल करने के बजाए वक्ती मोहलत की दलीलें दे सकती है।
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ में सोमवार सुबह होने वाली सुनवाई में इतालवी राजदूत डेनियल मेचिनी के लिए अदालत को अपनी वादाखिलाफी को तर्कपूर्ण बताना और रियायत की दलीलें देना खासा मुश्किल हो सकता है। अदालत में दिए हलफनामे पर मुकरने को लेकर सुप्रीम कोर्ट इतालवी राजदूत के भारत छोड़ने पर प्रतिबंध पहले ही लगा चुका है।
इस बीच, कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि हम गंभीरता के साथ यह अपेक्षा करते हैं कि इटली सरकार भारत की सर्वोच्च अदालत में दिए अपने वादे को पूरा करें। वैसे रोम से इटली सरकार का रुख सहयोग की बजाय टकराव के रवैये की ही तस्दीक करता है। इतालवी सरकार भारतीय अदालत में सुनवाई के मामले पर अपना रुख बदलने को तैयार नहीं है। इतालवी विदेश मंत्री ग्यूलियो तेरजी कह चुके हैं कि इटली मामले की सुनवाई पर भारतीय न्यायालय का अधिकार क्षेत्र नहीं मानता। हम मामले के कूटनीतिक समाधान व अंतरराष्ट्रीय अदालत में सुनवाई के लिए तैयार हैं।