1993 मुंबई धमाके: आज भी हरे हैं ब्लैक फ्राइडे के जख्म

1993-mumbai-blastमुंबई। 1993 मुंबई बम धमाके मामले में आज अहम दिन है। बीस वर्ष बीत जाने के बाद आज भी इन धमाकों के जख्म भरे नहीं हैं बल्कि पहले की ही तरह हरे हैं। इस मामले में 123 लोगों पर आरोप लगे थे जिसमें ने 100 लोगों को दोषी पाए जाने के बाद सजा सुनाई गई थी, जिसमें 12 दोषियों को मौत और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

संजय दत्त पर भी होगा फैसला:-

इसी फैसले के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जबकि इस मामले में बरी किए जाने वालों के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। दोनों ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा। आज ही सुप्रीम कोर्ट बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त पर भी फैसला सुनाएगा। निचली अदालत ने उन्हें वर्ष 2006 में आ‌र्म्स एक्स का दोषी मानते हुए छह वर्ष की सजा सुनाई थी।

संजय को टाडा कोर्ट मिली थी सजा:-

सीबीआई का आरोप है कि संजय दत्त को अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के गुरगों ने एक एके 56 राइफल, एक पिस्तौल और कुछ गोले उपलब्ध कराए थे। कुछ दिन बाद संजय दत्त ने गोले वापस कर दिये थे, लेकिन एके 56 राइफल रख ली थी। जिसके बाद उनके घर से यह राइफल बरामद की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

मुंबई बम धमाकों में हुए थे बरी:-

मुंबई बम धमाकों में भी सीबीआई ने संजय दत्त का नाम लिया था लेकिन लेकिन विशेष अदालत ने उन्हें आरोपों से बरी कर दिया था। हालांकि गैरकानूनी रूप से एके 56 राइफल और एक पिस्तौल रखने के आरोप में उन्हें टाडा अदालत छह वर्ष की सजा सुना चुकी है। इस मामले में वह करीब अठारह माह जेल में बिता चुके हैं। सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील के बाद उन्हें मामले में जमानत मिली हुई है।

ब्लैक फ्राइडे:-

12 मार्च 1993 में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से दहल गई है। लोगों के दिलो-दिमाग से आज भी उस ब्लैक फ्राइडे का काला धुंआ छटा नहीं है। आज भी लोगों को इन बम धमाकों को कराने वाले दाउद इब्राहिम को होने वाली सजा का बेसब्री से इंतजार है।

बारह मार्च 1993 का ही वह काला दिन था जब मुंबई में एक के बाद एक बारह बम धमाकों में ढ़ाई सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सात सौ अधिक लोग जख्मी हो गए थे। इन धमाकों से करीब 27 करोड़ से अधिक राशि की संपत्ति नष्ट हो गई थी। यह पहला मौका था जब देश ने सीरियल बम ब्लास्ट के दंश को झेला था।

मुख्य आरोपी आज भी फरार:-

इस मामले में विशेष अदालत में 686 गवाह पेश हुए और करीब दस हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई और 123 अभियुक्त बनाए गए। स्वतंत्र भारत में अब तक का यह सबसे पेचीदा मामला माना जाता है। इंटरपोल द्वारा दाउद के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने के बाद भी वह पुलिस की गिरफ्त से कहीं दूर है। हालांकि पूरी दुनिया इस बात से वाकिफ है कि दाउद आईएसआई की सरपरस्ती में कराची में ही सुकून की जिंदगी जी रहा है और उसको पाक सरकार का सरंक्षण भी मिला हुआ। बावजूद इसके पाक सरकार इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है।

कुछ बरी तो कुछ हुए फरार:-

इसी मामले से जुड़े तीन अभियुक्त अबू सलेम, रियाज सिद्दीकी और मोहम्मद दौसा की सुनवाई को अलग कर दिया है क्योंकि इनकी गिरफ्तारी बहुत बाद में हुई थी। समाजवादी पार्टी के सांसद अबू आजमी और अमजद मेहर बख्श को जहां सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बरी कर दिया है वहीं एक अन्य अभियुक्त जमानत पर निकलने के बाद फरार हो गया। इसके अलावा मामले के 29 अभियुक्त अभी भी फरार बताए जाते हैं जिनमें इस पूरी घटना को कथित रुप से अंजाम देने वाले दाऊद इब्राहिम, अनीस इब्राहिम और टाइगर मेमन शामिल हैं जो कभी पकड़े नहीं गए। सीबीआई के अनुसार मुंबई धमाकों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से दाऊद इब्राहिम ने अंजाम दिया था।

दाऊद की इंटरपोल को भी तलाश:-

आरोपपत्र के अनुसार सिलसिलेवार धमाकों के अलावा 12 मार्च को मुंबई के हिंदू बहुल इलाकों में हथगोले भी फेंके थे। इसके बाद हुए दंगों में कई और जानें गईं थीं। दाऊद अमरीका द्वारा जारी आतंकियों की सूची में है और इंटरपोल को भी उसकी तलाश है।

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