नई दिल्ली । केंद्र सरकार के बाद सफदरजंग अस्पताल ने भी यह जानकारी देने में असमर्थता जताई है कि वसंत दिल्ली गैंगरेप की शिकार युवती को बेहतर इलाज के नाम पर सिंगापुर भेजने का आदेश किसका था। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में अस्पताल ने स्पष्ट किया है कि इस संदर्भ में विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। अस्पताल के जवाब के साथ ही इस प्रकरण में बेहतर इलाज से ज्यादा मामले में राजनीति करने के आरोपों को बल मिला है। पीड़ित युवती को सिंगापुर भेजने के फैसले पर पहले दिन से ही सवाल उठते रहे हैं। आरोप लगाया जाता रहा कि फैसले के पीछे बेहतर चिकित्सा देने से ज्यादा राजनीतिक कारण रहा है। इस मामले में सच जानने के लिए आरटीआइ कार्यकर्ता देव आशीष भट्टाचार्य ने गत 9 जनवरी को आरटीआइ लगाकर प्रधानमंत्री कार्यालय से मांग की थी कि पीड़िता को सिंगापुर भेजने संबंधी सरकार के आदेश की प्रति उन्हें उपलब्ध कराई जाए।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने गृह मंत्रालय को और गृहमंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय को आरटीआइ प्रेषित कर दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 जनवरी को बताया कि पीड़िता के इलाज से संबंधित उसके पास कोई दस्तावेज व सूचना नहीं है। यह भी स्वीकार किया कि सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता का इलाज करने वाली डाक्टरों की टीम में हृदय, न्यूरो व नेफ्रोलॉजी के विशेषज्ञ नहीं थे। जबकि पीड़िता की हालत गंभीर थी और उसे इन विशेषज्ञों की जरूरत थी। विस्तृत जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरटीआइ सफदरजंग अस्पताल प्रशासन को प्रेषित कर दिया।
अस्पताल प्रशासन की ओर से 12 मार्च को जन सूचना अधिकारी डॉ. एन सीतालक्ष्मी व डॉ. संदीप शर्मा ने देव आशीष भट्टाचार्य को पीड़िता का दस दिन तक इलाज करने वाले स्त्री रोग विभाग के प्रमुख डॉ बत्रा, आपातकालीन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर एसके चौधरी, सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. गुलशनजीत सिंह व एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख का जवाब भेजा कि उक्त सूचना के संबंध में उनके विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है।
सफदरजंग अस्पताल में दस दिन दिन तक भर्ती रहने के बाद पीड़िता को बेहतर इलाज के नाम पर 26 दिसंबर की देर रात सिंगापुर भेजा गया था। हैरानी है कि पीड़िता का इलाज करने वाले विभागाध्यक्षों को भी नहीं पता कि उसे किसके आदेश पर सिंगापुर भेजा गया था। पूरे मामले में पहले ही गृह व स्वास्थ्य मंत्रालय ने गेंद सफदरजंग अस्पताल के पाले में डाल अपना पल्ला झाड़ लिया था।