सिरसा। बैंड-बाजे के साथ दुल्हन की बरात लेकर आने और दूल्हे को अपने साथ लेकर जाने की नई रीत को लेकर ‘म्हारे गबरूओं’ में उत्साह है। युवाओं में चाव इतना है कि दो माह के भीतर 87 ने इस अनोखी परंपरा के तहत जीवन साथी चुनने के लिए अपनी रजामंदी दी है। 87 में से 68 युवक हैं और इसमें अकेले हरियाणा के 36 गबरू शामिल हैं। हम जिक्र कर रहे हैं, डेरा सच्चा सौदा की मुहिम ‘कुल का क्राउन’ की। समाज में लिंग भेद की खाई कम करने के मकसद से डेरे ने यह मुहिम 25 जनवरी को आरंभ की थी। इस नई रीत के तहत हरियाणा के सिरसा स्थित सुखसागर कॉलोनी की तुलसी इंसा बरात लेकर पहुंची और ब्याह करके दूल्हे को अपने घर लेकर आई।
दरअसल, कन्या भू्रण हत्या रोकने व बेटियाें को बेटाें के समान समाज में अधिकार दिलवाने, बेटियों को भी घर का चिराग कहलाएं, बेटियां भी कुल का नाम रोशन करें, बेटियाें से भी वंश चले आदि उद्देश्य के लिए डेरा सच्चा सौदा द्वारा ‘कुल का क्राउन’ मुहिम शुरू की गई। डेरे के प्रवक्ता पवन इंसा बताते हैं कि सभी शादियां डेरे में होती हैं। लड़की बैंड-बाजे के साथ बरात लेकर यहां आती है और यहां से विदा होकर दूल्हे को साथ लेकर अपने घर चली जाती है।
इस अनोखी परंपरा के तहत अब तक तीन शादियां हो चुकी हैं। जितनी अनूठी यह मुहिम है, उतना ही अनोखा युवक-युवतियों का जोश। अब तक करीब 68 लड़के और 19 लड़कियां लिखित में आवेदन कर चुके हैं। इन युवकों में सबसे ज्यादा संख्या हरियाणा से 36 है। पंजाब से 27, राजस्थान व चंडीगढ़ से दो-दो और उत्तर प्रदेश से एक युवक ने आवेदन किया है। ‘कुल का क्राउन’ का प्रण लेने वाली लड़कियों की संख्या 19 है। इनमें हरियाणा व पंजाब से आठ-आठ व राजस्थान से तीन लड़कियां शामिल हैं।
आवेदन के लिए शर्त भी
इस मुहिम के तहत जिनके दो या इससे अधिक बेटे हैं, उनमें से एक ऐसे परिवार में शादी करके उनके घर रहे, जिनके बेटी के रूप में केवल एक ही संतान है। इस मुहिम के तहत दूल्हा शादी के बाद ससुराल जाएगा और ससुराल को ही अपना घर बनाएगा। शादी करने वाली ऐसी लड़की को डेरा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम ने ‘कुल का क्राउन’ व लड़के को ‘भक्त मर्द गाजी’ का खिताब दिया है।
समाज को संदेश दिया : तुलसी
कुल का क्राउन मुहिम में पहली शादी करने वाली तुलसी इंसा कॉमर्स की लेक्चरर हैं। तुलसी ने बताया कि समाज को एक संदेश देने के लिए उन्होंने यह शादी की, ताकि समाज बेटियों के महत्व को समझे। उन्होंने उम्मीद जताई कि गुरमीत राम रहीम की यह मुहिम समाज में बड़ा बदलाव लाएगी। समाज में बेटियों का सम्मान बढ़ेगा।