नई दिल्ली। ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में भाग लेने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोमवार को चार दिवसीय दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर रवाना हो गए। इस बैठक के जरिये ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा समस्याओं से निपटने के उपाय तलाशेंगे। इस दौरान ये देश अपना अलग विकास बैंक गठित करने का एलान भी कर सकते हैं।
ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी दक्षिण अफ्रीका गया है। इसमें वित्त मंत्री पी चिदंबरम, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के अलावा विभिन्न उद्योग और व्यापार संघों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। डरबन में प्रधानमंत्री सिंह चीन के नए राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ आपसी संबंधों पर भी चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री सिंह ने रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर अगले दिन शुरू हो रही अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से चर्चा की। ब्रिक्स देशों की यह शिखर बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब विकसित देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं। ब्रिक्स के सदस्य देश इस हालत से निपटने के लिए अपने खास उपाय तलाश रहे हैं। इस लिहाज से बैठक के दौरान क्षेत्रीय विकास बैंक के गठन का एलान हो सकता है। भारत ने ही ऐसे बैंक का प्रस्ताव किया था, जिस पर सभी सदस्य अपनी रजामंदी दे चुके हैं।
प्रस्तावित बैंक न सिर्फ अपने सदस्य देशों की जरूरत के मुताबिक मदद कर सकेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संगठनों में इन देशों के हित में आवाज भी उठा सकेगा। भारत के अलावा चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील ब्रिक्स के सदस्य हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक यह यात्रा भारत और चीन के दोतरफा रिश्तों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। हाल में चीन के राष्ट्रपति बने शी चिनफिंग से मनमोहन की अलग मुलाकात भी होगी। इस दौरान चीन से आर्थिक साझेदारी के साथ ही विभिन्न दोतरफा मुद्दों पर चर्चा होगी।