एसएसबी ने खोली दिल्ली पुलिस की पोल

hizbul-terrorist-liaqat-ali-was-arrested-by-ssbनई दिल्ली। हिजबुल आतंकी लियाकत शाह की गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के लिए शाबासी की बजाय फजीहत लेकर आई है। गिरफ्तारी के बाद से आ रहे परस्पर विरोधाभासी बयानों ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को बैकफुट पर ला दिया है। रही-सही कसर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के इस बयान ने पूरी कर दी कि लियाकत को उसकी हिरासत में दिल्ली रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया था।

गोरखपुर में सोनौली बार्डर पर तैनात एसएसबी प्रथम वाहिनी के कमांडेंट केएस बनकौटी के अनुसार लियाकत, उसकी पत्नी व पंद्रह वर्षीय बेटी के अलावा अरशद मीर, शाह नवाज मीर, मुर्तजा मीर और उनके साथ के पांच बच्चों सहित 11 लोग सीमा पार करते समय 18 मार्च को ही पकड़े गये थे। दो दिनों तक पूछताछ के बाद 20 मार्च को उनकी टीम ट्रेन से सभी को दिल्ली लेकर गई। माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के लिए एसएसबी के इस बयान को खारिज करना मुश्किल होगा।

दिल्ली पुलिस पहले से ही दबाव में है, खासकर जिस तरह लियाकत का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला किया गया। आईबी पहले ही इस प्रकरण से यह कह कर पल्ला झाड़ चुकी है कि उसका दिल्ली पुलिस के साथ इस मामले में सूचना का कोई आदान-प्रदान नहीं हुआ।

ज्ञात हो दिल्ली पुलिस ने लियाकत की गिरफ्तारी की सूचना देते समय दावा किया था कि उसका इरादा होली से पहले अपने साथियों के साथ राजधानी में बड़े फिदायीन हमले को अंजाम देना था। स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया था कि लियाकत को गोरखपुर से पकड़ा गया है और केंद्रीय एजेंसियों ने भी उसकी गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उसकी निशानदेही पर दिल्ली के एक गेस्ट हाउस से हथियार गोला-बारुद का जखीरा मिला था।

इस बीच लियाकत शाह की गिरफ्तारी को लेकर जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान में बैठे लोगों की बातचीत को खुफिया एजेंसियों ने इंटरसेप्ट किया है। सूत्रों का कहना है कि कॉल जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान की गई थीं। इनमें लियाकत के पकड़े जाने की सूचना देते हुए अफसोस जाहिर किया जा रहा है। उधर, दिल्ली पुलिस अपने उस कथन पर कायम है जिसमें लियाकत शाह के फिदायीन हमले को अंजाम देने दिल्ली आने की बात कही गई थी।

दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो लियाकत की गिरफ्तारी से हिजबुल मुजाहिदीन में खलबली है। इतने महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचने के पहले ही फेल हो जाने से आतंकी सकते में हैं। एक आला अधिकारी के अनुसार कुछ इसी आशय की कॉल खुफिया एजेंसियों ने इंटरसेप्ट की है। जम्मू-कश्मीर से कुछ लोगों ने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को फोन कर लियाकत की गिरफ्तारी की सूचना दी थी। इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों की नजरें जम्मू-कश्मीर में सक्रिय लियाकत के संपर्को पर टिक गई हैं। उसके मोबाइल फोन से मिले नंबरों की भी जांच पड़ताल हो रही है।

स्पेशल सेल अधिकारियों की मानें तो लियाकत ने रिक्शे में बैठकर सोनोली बार्डर पार किया था। उसको गोरखपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से तलाशी मे पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में बना उसका मुहाजिर कार्ड भी बरामद हुआ था। जांच में पता चला है कि जो एके 56 राइफल जामा मस्जिद इलाके में स्थिति हाजी अराफात गेस्ट हाउस से बरामद की गई है, वह चीन निर्मित है। गेस्ट हाउस में जिस आतंकी ने कमरा बुक कराया था उसने अपना नाम मोहम्मद तथा पता भिवानी, हरियाणा लिखाया था। जांच में यह नाम और पता फर्जी पाए गए हैं। उधर, स्पेशल सेल अधिकारियों ने बयान दिया कि लियाकत की गिरफ्तारी में सशस्त्र सीमा बल की भी मदद ली गई थी।

error: Content is protected !!