इटावा। संतोषपुर-इटगांव कांड में जाति विशेष के जिन लोगों पर पिछले दिनों कहर टूटा था पुलिस ने राजनीतिक दबाव में उन पर और उनके खैरख्वाहों पर ही मुकदमे दर्ज कर दिए। उल्लेखनीय है पिछले दिनों एक लड़की द्वारा प्रेम विवाह कर गांव से भाग जाने के मामले में लड़की के परिजनों ने ब्राह्मणों के परिवारों पर कहर ढाया था। महिलाओं समेत पांच लोगों को बुरी तरह पीटकर जूतों की माला पहनाकर व कालिख पोतकर गांव में जुलूस निकाला था। मामले के तूल पकड़ने पर कई दलों के लोगों ने गांव का दौरा कर पीड़ित व पलायित परिवारों की सुरक्षा के लिए पुलिस से पैरवी की थी। उसी क्रम में पीड़ित पक्ष व उनसे हमदर्दी दिखाने वालों के खिलाफ असलहे लहराकर मारपीट, तोड़फोड़, धमकाने व शांति भंग का मुकदमा दर्ज कराया गया है। इनमें 13 लोग तो नामजद हैं। बाकी भाजपा, परशुराम सेना व ब्राह्मण सभा के अज्ञात बताए गए हैं।
प्रेम विवाह करने वाली प्रियंका के पिता राजबहादुर यादव ने अपनी तहरीर में कहा कि गांव के राजकुमार, कृष्ण कुमार, संतोष, बजरंगी, सुभाष मिश्रा, प्रभाष मिश्रा, शिवकुमार बाजपेई, चंद्रमहेश भटेले, मनीष बाजपेई, गिरजेश मिश्रा, दुर्गेश मिश्रा तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता, परशुराम सेना तथा ब्राह्मण महासभा के अज्ञात लोगों ने 22 मार्च को फरसे, रायफल, तमंचे व अन्य शस्त्र लहराते हुए अशोभनीय भाषा में धमकी दी। ये लोग घर में घुस आए। मारपीट करने पर हम लोग जान बचाकर भागे तो घर का सामान तोड़ दिया। गांव के कई लोगों को लड़की के अपहरण का मुकदमा वापस लेने की धमकी दी। इससे गांव में अराजकता का माहौल हो गया। पुलिस ने मामले की विवेचना एसआई गुरुप्रसाद को सौंपी।
19 मार्च को जबरदस्त पिटाई व जूतों की माला पहनाकर गांव में घुमाने के बाद से शिवकुमार, चंदमहेश भटेले तथा मनीष चलने-फिरने लायक नहीं थे। ये कई दिन तक चारपाई पर ही पड़े रहे। इसके बावजूद आज नामजद किए गए। मुकदमे के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल मोहन शर्मा ने कहा कि संतोषपुर कांड ने मानवता को शर्मसार कर दिया। भाजपा इसका डटकर मुकाबला करेगी। मुकदमा दर्ज होने से स्पष्ट हो गया है कि एक जाति विशेष के लोगों को सरकार का खुला संरक्षण प्राप्त है।
अब तक पांच मुकदमे
इस मामले में 20 फरवरी को राजबहादुर यादव ने पुत्री प्रियंका को भगाने का, 19 मार्च को शिवकुमार ने प्रियंका के पिता समेत पांच परिजनों के खिलाफ जूतों की माला पहनाकर घुमाने का, 21 मार्च को चंद्र महेश ने पांच लोगों के खिलाफ, 23 मार्च को मनीष बाजपेई ने प्रधान सुशील यादव समेत दस लोगों के खिलाफ माता-पिता को हत्या करने की नीयत से अपहृत करने के मुकदमे दर्ज कराए। अब राजबहादुर ने पांचवां मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि अब तक न तो प्रियंका का कोई पता चला और न ही लापता राजीव लोचन व उसकी पत्नी संतोषी का ही पुलिस कोई पता लगा सकी। इस कांड में पुलिस की भूमिका पर शुरू से ही सवाल उठ रहे हैं। एसएसपी राजेश मोदक डी राव ने अपने मातहतों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए डीआईजी आरके चतुर्वेदी को हालात से अवगत कराया था। एसपी औरैया इस कांड में पुलिस की भूमिका की जांच कर रहे हैं।