विवादों में घिरी अमेरिकी सांसदों की मोदी से भेंट

us-congressmen-meet-with-narendra-modiनई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने आए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से पैसा वसूले जाने को लेकर राजनीति गर्म हो गई है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हमलावर होते हुए इसे शर्मनाक बताया है तो बीजेपी ने सफाई दी है कि पैसा लेने के मामले में गुजरात सरकार का कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस के प्रवक्ता राशिद अल्वी के मुताबिक,यह बड़े शर्म की बात है। इस खबर को सुनकर कोई भी भारतीय शर्मिदा होगा। अमेरिकी सांसदों को नौ-नौ लाख रुपये दिए गए ताकि मोदी को अमेरिकी वीजा मिल सके और गुजरात सरकार के विकास कार्यो को अमेरिका प्रमाणित करे। अल्वी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि बेहतर होता कि इस धनराशि का इस्तेमाल गुजरात के गरीबों के विकास के काम पर होता।

इसके जवाब में बीजेपी ओवरसीज सेल के संयोजक और मोदी से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात कराने वाले नेता विजय जौली ने कहा, अमेरिकी सांसद वहां संसद की एथिक्स कमिटी और सरकार की मंजूरी के बाद ही गुजरात व भारत के दौरे पर आए हैं। एथिक्स कमिटी पूरी जांच करती है कि वो किसी भी देश में क्यों जा रहे हैं, कौन खर्च उठा रहा है, कहीं देश के हितों के विरुद्ध तो कुछ नहीं होने जा रहा है। इस तरह की छानबीन के बाद ही चारों सांसदों को अमेरिकी कानून के तहत भारत आने की मंजूरी मिली है। उनके दौरे पर भारत सरकार, गुजरात सरकार या बीजेपी ने कोई खर्च नहीं किया है।

गुजरात सरकार ने सिर्फ उनका सम्मान अतिथियों जैसे किया और डिनर दिया। विजय जौली का आरोप है कि असल में कांग्रेस को अमेरिकी सांसदों द्वारा गुजरात के विकास की प्रशंसा और नरेंद्र मोदी को अमेरिका आने की दावत देने की बात हजम नहीं हुई है। इसलिए शिकागो के एक अखबार की खबर को तूल दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘मोदी ने या भारत में किसी ने पेमेंट नहीं किया है। अमेरिका से आए प्रतिनिधिमंडल ने गुजरात में नैनो, फोर्ड फैक्ट्री और अन्य कई जगह का दौरा किया है। भारत और गुजरात में निवेश की संभावना तलाशने आए प्रतिनिधिमंडल ने दौरे में पड़ताल की है कि कहां क्या कुछ है।’ उन्होंने कहा, गुजरात में 24 घंटे बिजली, बढि़या बुनियादी ढांचे, फास्ट गवर्नमेंट क्लियरेंस की वजह से कारोबारी वर्ग प्रदेश की तरफ आकर्षित है।

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