डीएसपी हत्याकांड: गुलशन से सीबीआइ ने की मैराथन पूछताछ

dsp murderप्रतापगढ़। डीएसपी समेत तिहरे हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम ने रविवार को परवीन आजाद के आने के बाद अपनी जांच का रुख बदल दिया है। वह एक-एक करके राजा भैया के करीबियों से पूछताछ कर रही है। सोमवार को टीम ने जहां सीओ हत्याकांड में नामजद नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव से मैराथन पूछताछ की, वहीं मंगलवार को राजा भैया के प्रतिनिधि को तलब किया है।

सीबीआइ टीम ने नगर पंचायत अध्यक्ष व राजा भैया करीबी गुलशन यादव को सुबह दस बजे कैंप कार्यालय तलब किया। इसके बाद शाम पांच बजे तक उन पर टीम ने सवालों की बौछार की। मसलन घटना के दिन वह कहां थे। अगर गांव में थे तो क्यों गए थे। किसने बुलाया था। सीओ से कभी कोई बहस तो नहीं हुई थी। प्रधान नन्हें से कैसा संबंध था। इसके अलावा घटना के दिन व उसके बाद से अब तक उनकी मौजूदगी और मोबाइल की काल डिटेल्स की बाबत भी पूछताछ की।

घटना के 30 दिन बाद नगर पंचायत अध्यक्ष से सीबीआइ ने पहली बार पूछताछ की। इस दौरान बलीपुर गांव से आए लोगों व निलंबित कोतवाल सर्वेश मिश्रा से भी टीम ने पूछताछ का सिलसिला जारी रखा। ज्ञात हो कि बीते दो मार्च को बलीपुर ग्राम प्रधान नन्हें यादव की हत्या के बाद आक्रोशित भीड़ के बीच सीओ जियाउल हक व प्रधान के भाई सुरेश यादव की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में तीन मार्च को डीएसपी की पत्‍‌नी परवीन आजाद की तहरीर पर हथिगवां थाने में पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया, नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, प्रतिनिधि हरिओम शंकर श्रीवास्तव, चालक रोहित सिंह, एवं गुड्डू सिंह के नाम विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने घटना के 29 दिन बाद भी उक्त तहरीर में नामित किसी भी व्यक्ति से पूछताछ नहीं की। रविवार को जब डीएसपी की पत्‍‌नी सीओ आवास से अपना सामान लेने आईं तो मीडिया कर्मियों द्वारा उनसे तहरीर में शामिल एक भी व्यक्ति से पूछताछ द्वारा न किए जाने की बात कही गई। इस पर उन्होंने सीबीआइ जांच पर भरोसा जताया। उनका यह भरोसा देख सीबीआइ ने आखिरकार अगले ही दिन तहरीर में शामिल नगर पंचायत अध्यक्ष से करीब सात घंटे पूछताछ की।

नगर पंचायत अध्यक्ष के बाद अब एक और नामजद आरोपी राजा भैया प्रतिनिधि हरिओम शंकर से सीबीआइ टीम मंगलवार को पूछताछ करेगी। उनको पूर्वान्ह 11 बजे कुंडा स्थित कैंप कार्यालय में बुलाया गया है। बता दें कि बलीपुर गांव में हुई डीएसपी जियाउल हक की हत्या के मामले में जहां थानाध्यक्ष मनोज शुक्ला ने प्रधान के परिवारीजन समेत दस लोगों को नामजद करते हुए घटना वाली रात मुकदमा दर्ज किया, वहीं तीन मार्च को शहीद डीएसपी की पत्‍‌नी परवीन आजाद की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी में हरि ओम भी एक हैं को कैम्प कार्यालय बुलाया है। सूत्रों की मानें तो अभी तक सीबीआइ मनोज शुक्ला की तहरीर पर ही जांच कर रही थी, लेकिन सोमवार से एकाएक जांच की दिशा बदलने पर इसे सीओ की डायरी से जोड़कर देखा जा रहा है।

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