नई दिल्ली। राष्ट्रीय टीम के गठन के साथ ही भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। सुशासन संकल्प, भाजपा विकल्प के नारे को साकार करने के लिए पार्टी अगले 400 दिन के कार्यक्रम के रोडमैप पर मुहर लगाकर पूरे देश में अपना जनाधार दुरुस्त करने में जुटेगी। रणनीति यह है कि समय पूर्व चुनाव की स्थिति में भी पार्टी सभी संसदीय क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को सक्रिय बना दे। संभवत: अगले सप्ताह भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों और पदाधिकारियों की बैठक में इसका खाका तैयार कर लिया जाएगा। इसी के साथ पदाधिकारियों के प्रभार, मोर्चो और प्रकोष्ठों की जिम्मेदारी भी तय कर दी जाएगी।
रविवार को भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अपनी टीम का गठन कर दिया। सियासी गणित पर कसते हुए उन्होंने यह ध्यान रखा कि अलग-अलग प्रदेशों का ही नहीं विभिन्न जातियों का भी प्रतिनिधित्व हो। अब पार्टी कार्यक्रम के जरिये रणनीति को आकार देने की कोशिश होगी। लिहाजा देर किए बिना प्रदेश अध्यक्षों की बैठक बुलाकर उन्हें अपने-अपने राज्यों में सांगठनिक और चुनावी दोनों दृष्टि से कमर कसने को कहा जाएगा। एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार इसी पखवाड़े यह बैठक बुलाई जाएगी और अगले 400 दिन के कार्यक्रम को मुस्तैदी से लागू करने का जिम्मा दिया जाएगा।
पिछले महीने हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी ने पूरे साल चलने वाले कार्यक्रम की घोषणा की थी। इसके तहत पांच चरणों में मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश होगी। पहला चरण होगा, गांव-गांव चलो, घर-घर चलो। इसमें अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार से लेकर नरेंद्र मोदी, शिवराज चौहान के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों और भाजपा शासित अन्य राज्यों में सुशासन की खूबियों व कांग्रेस शासन की खामियों को उजागर किया जाएगा।
दूसरे चरण में चुने हुए संसदीय क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन में भाजपा के बड़े नेता रूबरू होंगे। जुलाई-अगस्त के बीच जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं का सम्मेलन होगा और सितंबर-अक्टूबर-नवंबर के बीच सभी संसदीय क्षेत्रों में नेता और कार्यकर्ता के बीच समन्वय बिठाने की कोशिश होगी। स्थानीय मुद्दों पर चर्चा होगी और कार्यकर्ता उसी आधार पर मतदाताओं तक जाएंगे। रणनीति है कि अगर संप्रग समय से पूर्व चुनाव करवाने की तैयारी करे भी तो अक्टूबर-नवंबर तक सभी संसदीय क्षेत्रों तक पार्टी की पहुंच बन जाए। अंतिम चरण में दिसंबर-जनवरी के बीच पूरे देश में बड़े नेताओं की रैली के जरिये चुनावी अभियान छेड़ा जाएगा। बताते हैं कि 15 अप्रैल से पहले पदाधिकारियों को प्रभार भी सौंप दिया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष ने केंद्रीय संगठन मंत्री रामलाल को इसका जिम्मा सौंप दिया है।