तो इन्होंने प्यार में लांघी पांच राज्यों की दहलीज

love-couple-crossed-five-states-in-a-rowअमृतसर। प्यार के बाद शादी के बंधन बंधने के लिए एक प्रेमी जोड़े ने पांच राज्यों की दहलीज लांघ डाली। उत्तर प्रदेश की युवती तनुजा व बिहार के युवक राजीव के बीच प्यार का अंकुर दिल्ली में फूटा और शादी झारखंड में जाकर की। अब पंजाब में यह जोड़ा सुरक्षा मांगने के लिए अदालत की चौखट पर पहुंचा है।

तनुजा ने मंगलवार को अमृतसर की अदालत में अर्जी दाखिल कर कहा कि उसे व उसके पति को मायके वाले नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ पुलिस में झूठे मामले भी दर्ज करवा सकते है। इसी डर से वे उत्तर प्रदेश व बिहार नहीं जा रहे हैं। अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 10 मई को मुकर्रर की है। जागरण से बातचीत में राजीव ने बताया कि वह ब्राह्मण है और तनुजा राजपूत। बिहार, उत्तर प्रदेश में जातिवाद को लेकर अक्सर पंचायतें उल्टा-सीधा फैसला सुनाती हैं, इसलिए उन्होंने पंजाब आकर अपने प्यार के लिए अदालती लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। राजीव रंजन ठाकुर [23] बिहार के मधुबनी के गांव फतेह बिललाही, पोस्ट लोहट, थाना पंडौल का रहने वाला है। वह करीब चार साल पहले पुरानी दिल्ली में गांव प्रताप नगर, बगीची पुरानी दिल्ली, थाना गुलाबी बाग में विजय सिंह के यहां किराये पर रहा करता था। यहां रहते हुए उसे मकान मालिक विजय सिंह की बेटी तनुजा [21] के साथ प्यार हो गया।

तनुजा का परिवार वैसे तो दिल्ली में सालों से रह रहा है, लेकिन वे उत्तर प्रदेश के इटावा का मूल निवासी हैं। दोनों के बीच प्यार हुआ और दोनों ने साथ-साथ जिंदगी गुजारने का निर्णय ले लिया। तनुजा दसवीं पास है, जबकि राजीव ने बीए तक पढ़ाई की है। राजीव और तनुजा के बीच प्यार की भनक तनुजा के परिवार वालों को लग चुकी थी। वह तनुजा की शादी कहीं और करना चाहते थे। इसी दौरान राजीव व तनुजा ने शादी के बंधन में बंधने के लिए घर से फरार हो गए। राजीव पहले तनुजा को अपने पैतृक घर बिहार ले जाना चाहता था, लेकिन उसे डर था कि तनुजा का पिता विजय सिंह अपनी ऊंची पहुंच का इस्तेमाल करके प्यार में खलल डाल देगा। यही वजह थी कि राजीव ने बिहार जाने की बजाय दो नवंबर, 2012 को झारखंड जाकर तनुजा से एक मंदिर में शादी कर ली। शादी के बाद उसे दिल्ली में रहकर तनुजा को अपने से छिन जाने का डर था। इसी वजह से राजीव तनुजा को लेकर पंजाब आ गया। कुछ दिन पहले ही वह श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन करके लौट रहा था कि तनुजा के पिता व दो भाइयों ने उन्हें देख लिया। तनुजा व राजीव के साथ मारपीट की गई। तीनों ने अपहरण की कोशिश की, लेकिन आते-जाते लोग जब इकट्ठा हुए तो तीनों फरार हो गए।

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