शिंदे की सक्सेस स्टोरी पर बनी मूवी, कैसे बने चपरासी से होम मिनिस्टर

sushil kuma sindheअमृतसर। काल के क्रूर पंजे ने महज छह साल की उम्र में सिर से पिता का साया छीन लिया। परिवार के लिए मीठी गोलियां बेचीं। कचहरी में चपरासी की नौकरी की। तमाम मुश्किलें सहकर भी वह हमेशा मुस्कुराते रहे। मेहनत व लगन के दम पर आज वही चपरासी देश का केंद्रीय गृह मंत्री है।

जी हां, केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के जीवन पर तीन भाषाओं में बनी फिल्म पहली मई को रिलीज हो रही है। शादी की सालगिरह पर बॉलीवुड उन्हें यह खास सौगात देने वाला है। फिल्म में उनके जीवन का हर पहलू दर्शकों के सामने पेश किया जाएगा। हिंदी में उड़ान, मराठी में घे जेप पाखरारे और अंग्रेजी में जंप नाम से यह फिल्म देशभर में एक साथ रिलीज होगी। फिल्म का निर्माण आरके म्यूजिक एंड प्रोडक्शन कंपनी ने किया है। निर्माता राक्सन ने फिल्म की सफलता के लिए शनिवार को श्री हरिमंदिर साहिब में अरदास की।

राक्सन ने बताया कि कई दुखों का सामना करते हुए सुशील शिंदे केंद्रीय गृह मंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं। वह छह साल के थे जब उनके पिता चल बसे। अपने परिवार के गुजारे के लिए उन्होंने मीठी गोलियां बेचीं। कचहरी में चपरासी की नौकरी की। मेहनत व लगन के दम पर वह सफलता की सीढि़यां चढ़ते गए। पढ़-लिखकर वह पुलिस इंस्पेक्टर बने। इसके बाद उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई की। सियासत में उन्होंने किस्मत आजमाई व विधायक बने। इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। केंद्र की सत्ता में पावर मिनिस्टर के बाद आज वह होम मिनिस्टर हैं।

राक्सन ने कहा कि शिंदे का संघर्षशील जीवन आम जनता के लिए प्रेरणादायी है इसलिए उन्होंने शिंदे के जीवन पर फिल्म बनाई है। फिल्म में शिंदे का किरदार मनीष कुलकर्णी, उनकी पत्‍‌नी का किरदार सरोवरी, उनकी बेटी प्रीति का किरदार राजनंदिनी, शरद पवार का किरदार मून, यशवंत राव चव्हाण का किरदार नारायण राव जाधव और अटल बिहारी वाजपेयी का किरदार गणेश शिव पुरे ने निभाया है। बकौल राक्सन वह कई फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। अब प्रोडक्शन के मैदान में उतरे हैं। कन्या भ्रूण हत्या उनका अगला प्रोजेक्ट है।

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