बालासोर। भारत ने रक्षा क्षेत्र में सफलता की एक और सीढी को पार कर लिया। ओडिशा तट के व्हीलर द्वीप से रविवार को मध्यम दूरी तक मार करने वाली और परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम अग्नि-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। यह 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल को सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर एकीकृत परीक्षण केंद्र के प्रक्षेपण स्थल-4 से एक मोबाइल लांचर के जरिए दागी गई। सूत्रों ने कहा कि अग्नि-2 मिसाइल को पहले ही सेवाओं में शामिल किया जा चुका है और आज का परीक्षण सेना की सामरिक बल कमान ने प्रशिक्षण अभ्यास के रूप में किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इसके लिए साजो सामान उपलब्ध कराया। उन्होंने कहा कि दो चरणों वाली यह मिसाइल उच्च कोटि की निर्देशन प्रणाली से लैस है।
डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने कहा कि समूचे प्रक्षेपण पथ पर आधुनिक रडारों, दूरमापी निरीक्षण केंद्रों, इलेक्ट्रोऑप्टिक उपकरणों और समुद्र में प्रभाव स्थल के नजदीक स्थित जहाजों से नजर रखी गई।
20 मीटर लंबी अग्नि-2 मिसाइल दो चरण वाली ठोस प्रणोदक बैलिस्ट मिसाइल है। इसका प्रक्षेपण भार 17 टन है और यह 2000 किलोमीटर की दूरी तक 1000 किलोग्राम तक की सामग्री ले जा सकती है।
अग्नि-2 डीआरडीओ द्वारा विकसित मिसाइलों की अग्नि सीरीज का हिस्सा है। अग्नि-1 मिसाइल 700 किलोमीटर की दूरी तक निशाना साध सकती है। अग्नि-3 3000 किलोमीटर, अग्नि-4 4000 किलोमीटर और अग्नि-5 5000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक मार कर सकती है। इससे पहले अग्नि-2 का इसी परीक्षण स्थल से पिछले साल नौ अगस्त को परीक्षण किया गया था, जो पूरी तरह रहा था।