नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1993 मुंबई बम धमाके के तीन आरोपियों की याचिका को खारिज कर दिया। अब तीनों को 18 अप्रैल तक समर्पण करना होगा। वहीं, अदालत फिल्म अभिनेता संजय दत्त की याचिका पर दोपहर बाद फैसला देगी।
गौरतलब है कि मुंबई धमाके मामले के सभी आरोपियों ने विभिन्न कारण देते हुए अपने समर्पण की अवधि को बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थीं। संजय के अलावा इस मामले में जैबुन्निसा, अब्दुल गफूर और मुहम्मद एसहाक को दोषी ठहराया गया है।
संजय दत्त ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपने समर्पण की समय सीमा बढ़ाने को लेकर एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में संजय ने आत्मसमर्पण का समय छह महीने और बढ़ाने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 1993 मुंबई धमाके के मामले में अवैध हथियार रखने के जुर्म में संजय दत्त को पांच साल की सजा सुनाई है। दत्त व अन्य तीनों के समर्पण की सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समयसीमा 18 अप्रैल को समाप्त हो रही है। अगर कोर्ट ने दत्त को राहत नहीं दी तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा।
दत्त की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 21 मार्च के आदेश के बाद कोई नई फिल्म साइन नहीं की है। लेकिन पहले की अनुबंधित फिल्में अधूरी हैं, जिनमें भारी रकम लगी हुई है। अत: उन फिल्मों को पूरा करने के लिए कोर्ट समर्पण का समय छह महीने बढ़ा दे। दत्त ने अर्जी में कहा है कि कुल सात फिल्में अधूरी हैं, जिन्हें पूरा करना है। ये फिल्में करीब 278 करोड़ रुपये के बजट की हैं और इन्हें पूरा करने में 196 दिन का समय लगेगा। अधूरी फिल्मों का ब्योरा देते हुए कहा गया है कि पुलिसगीरी, जंजीर, शेर, अंगुली, पीके और वसूली आदि हैं। संजय ने कहा है कि वह जल्द से जल्द इन फिल्मों की शूटिंग पूरी करने का प्रयास करेंगे। लेकिन अगर वह अपना पूरा समय भी दे दें तो भी 196 दिन लगेंगे।