पटना। फूड इंस्पेक्टर डा. सुरेंद्र कुमार के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता चला है। शिकायत पर जांच पूरी करने के बाद बुधवार को राजधानी पटना में उसके आवास पर विजिलेंस ब्यूरो ने छापेमारी की तो उसकी अकूत कमाई के सुबूत टीम के हाथ लगे। हालांकि फूड इंस्पेक्टर छापेमारी की खबर मिलते ही भूमिगत हो गया। इस प्रकरण में विजिलेंस ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर लिया है।
सुरेन्द्र वैसे तो ड्रग इंस्पेक्टर श्रेणी का अधिकारी है, पर फूड इंस्पेक्टर के रूप में वह 2008 से यहां तैनात था। भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद ब्यूरो डा.सुरेन्द्र के खिलाफ जांच कर रहा था। जांच पूरी होने पर विजिलेंस ब्यूरो ने डा. सुरेंद्र के खिलाफ ब्यूरो में एक मामला दर्ज कर पटना के अशोक नगर के रोड नंबर आठ स्थित उसके विशाल आवास गीतांजलि में छापेमारी की।
सिर्फ जमीन के कागजात 5.30 करोड़ के
ब्यूरो के एसपी डा. परवेज अख्तर ने बताया कि आरंभिक आकलन में यह बात सामने आ रही है कि सिर्फ जमीन के कागजात 5.30 करोड़ रुपये के हैं। मामला दस करोड़ से ऊपर का लग रहा है। अभी बैंक एकाउंट और लॉकर को खोला जाना बाकी है।
32 लाख रुपये का ऋण भी लिया
छापेमारी में ब्यूरो की टीम को जानकारी मिली कि डा. सुरेंद्र ने अपनी स्वर्गवासी पत्नी के नाम निबंधित एक जमीन को बैंक आफ बड़ौदा में गिरवी रख 32 लाख रुपये का ऋण भी लिया है। सबसे रोचक बात यह है कि उसने अब तक पूरी नौकरी में 25.35 लाख रुपये कमाये हैं और 32 लाख रुपये का ऋण लिया है। कुल मिलाकर इसने 57.35 लाख, 794 रुपये की आय हासिल की है लेकिन जब उसने अपनी कुल संपत्ति की घोषणा की तो वह राशि 1.17 करोड़, 17 हजार रुपये है।
बेटे व भतीजे के नाम पर बनायी सम्पत्ति
अधिकतर संपत्ति अपने बेटे और भतीजे के नाम पर बनायी है। अशोक नगर के रोड नंबर आठ के जिस इलाके में डा. सुरेंद्र का विशाल आवास है उसी इलाके में इसने 38 कट्ठा जमीन खरीद रखी है। वहां उसने एक आइटीआइ भी शुरू कर दी है जिसकी संचालिका उसकी भतीजी है।
अभी खरीद ही रहा था जमीनें
नवादा जिले के बैजदा गांव का रहने वाले डा. सुरेंद्र ने राजगीर में कुंड के समीप 23 एकड़ जमीन खरीद रखी है। ब्यूरो को यह भी जानकारी मिली है कि वह उसी इलाके में 60 एकड़ जमीन और खरीदने की योजना में था। इसकी प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। ब्यूरो की टीम को पटना स्थित इसके आवास की तलाशी में नकदी तो नहीं मिली पर डेढ़ लाख के सोने व चांदी के जेवर भी मिले हैं। छह बैंक एकाउंट और लॉकर मिले हैं। लेकिन इन्हें अभी नहीं खंगाला गया है।
मेडिकल कालेज खोलने की थी तैयारी
डा. सुरेंद्र कुमार ने बीसीजी टेकनीशियन के तौर पर 1979-80 में नौकरी शुरू की थी। उस समय वार्षिक आय मात्र 5280 रुपये थी। 1985 में वह हेल्थ इंस्पेक्टर बन गया। फिर 1988 में तैनाती फूड इंस्पेक्टर के रूप में हो गयी। वह राजगीर में मेडिकल व डेंटल कालेज खोलने की तैयारी में था। उसने बुद्धा एजुकेशनल ट्रस्ट बना रखा है। राजगीर कुंड के पास 23 एकड़ जमीन ले रखी थी। अनुसंधान के क्रम में एक अंतरराष्ट्रीय फूड चेन के मामले में भी तफ्तीश की जा रही है। इस चेन के दो आउटलेट पटना में हैं। एक आउटलेट शुरू होने के कुछ दिनों के भीतर बंद करा दिया गया था।