लद्दाख से चीनी सैनिक हटने को तैयार नहीं, चीन का घुसपैठ से इन्कार

Chinese armyनई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय के लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों की मौजूदगी से उपजे तनाव का एक सप्ताह बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया। चीनी सैनिक दौलत बेग ओल्डी इलाके में अभी भी डटे हुए हैं, लेकिन सरकार सिर्फ बातचीत का राग अलाप रही है। अब तक चीन के साथ बातचीत की कोशिशें बेनतीजा रही हैं। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि सरकार भारत के हितों की हिफाजत के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

दरअसल, इस मुद्दे पर सरकार की परेशानी भी साफ नजर आ रही है। मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि हम चीन के साथ इस बारे में संपर्क में हैं। फ्लैग मीटिंग हो रही हैं। इस सभी तथ्यों पर गौर करते हुए हम मामले पर अंतिम राय बनाएंगे। विदेश मंत्री के मुताबिक सरकार इस बारे में निर्धारित प्रक्रिया के तहत चल रही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस नाजुक मामले पर अनुपातिक प्रतिक्रिया जरूरी है।

इस बीच, हालात सामान्य दिखाने की कोशिश में सरकार ने अभी 24 अप्रैल को चीन जाने वाले सैन्य प्रतिनिधिमंडल के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया है। एक ब्रिगेडियर रैंक अधिकारी की अगुवाई में सैन्य दल को चीन जाना है। सूत्र बताते हैं कि मामले को सुलझाने के लिए लद्दाख क्षेत्र में सेना अधिकारी चीनी फौज के अफसरों से बात कर चुके हैं। वहीं, दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की अगुवाई में ऐसी घटनाओं के समाधान के लिए बनाई गए विशेष तंत्र के माध्यम से भी चर्चा के प्रयास हो रहे हैं। हालांकि, सूत्र मानते हैं कि इन प्रयासों का अभी कोई नतीजा नहीं निकला है और चीनी सैनिकों का एक दस्ता दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में लगाए टेंट में जमा हुआ है। बताया जाता है कि उनकी निगरानी के लिए कुछ दूरी पर भारतीय सैनिकों का दस्ता भी वहां मौजूद है। महत्वपूर्ण है कि दौलत बेग ओल्डी में भारतीय वायुसेना ने पुरानी हवाई पंट्टी को आधुनिक विमानों के उपयोग के लिए बतौर एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड तैयार किया है।

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच चार हजार किमी से अधिक की सीमा ऐसी है जिसे लेकर दोनों मुल्कों के बीच मतभेद हैं। इस वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मतभेद के कारण कई बार गश्ती दल एक दूसरे के इलाके में चले जाते हैं। टकराव टालने के लिए 2005 में दोनों देशों के बीच बैनर दिखाकर लौटने की एक परंपरा भी शुरू हुई थी, लेकिन गत 15 अप्रैल को सामने आई ताजा घटना में स्थिति इससे आगे निकल गई है।

चीन ने खारिज की घुसपैठ की रिपोर्ट

बीजिंग। चीन ने लद्दाख में घुसपैठ से इन्कार करते हुए कहा है कि उसके सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा [एलएसी] की चीनी सीमा के भीतर ही गश्त की थी और नियंत्रण रेखा पार नहीं की।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने इस मुद्दे पर बातचीत करने को भी कहा है। भारत ने चार दिन पहले बातचीत का प्रस्ताव रखा था। चीन का यह बयान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी [पीएलए] द्वारा पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में जमे होने की खबरों के बाद आया है। चीन ने दावा किया है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया। चुनयिंग ने कहा कि चीन की स्थिति दृढ़ और स्पष्ट है। यह पूछे जाने पर कि नए प्रधानमंत्री ली केकियांग की प्रस्तावित दिल्ली यात्रा से पहले चीनी सेना आगे क्यों बढ़ी, चुनयिंग ने कहा कि यह भारतीय मीडिया में फैलाई बात है।

लद्दाख पर नई वार्ता प्रक्रिया के सवाल पर उन्होंने पिछले साल दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों शिवशंकर मेनन और दाई बिंगुओ, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं, के बीच हुई वार्ता का जिक्र किया।

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