चाहत एयर होस्टेस बनने की लेकिन कुछ ऐसे बन गई डाइरेक्टर

receptionist-who-became-saradha-director-in-3-yearsकोलकाता । सारधा समूह में एक रिसेप्शनिस्ट के तौर पर नियुक्त होने वाली देवजानी मुखर्जी निदेशक बन गई थी। सारधा समूह के चेयरमैन सुदीप्त सेन के साथ देवजानी को अक्सर सभी बैठकों में देखा जाता था। महानगर स्थित ढाकुरिया की 27 वर्षीय देवजानी का सपना एयर होस्टेस बनना था। इसके लिए बकायदा प्रशिक्षण भी लिया था, लेकिन यह सपना पूरा नहीं हो सका।

वर्ष 2007 में देवजानी ने 64 शेक्सपियर सरणी, कोलकाता में सारधा टूर एंड ट्रैवेल्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में रिसेप्शनिस्ट व टेलीफोन ऑपरेटर के तौर पर काम संभाला था। इसके बाद वर्ष 2011 में कंपनी के निदेशक का पद संभालने के बाद देवजानी ने इस कार्यालय में केवल युवतियों को ही नियुक्त करना शुरू किया था। देर रात तक कार्यालय में बैठक होती रहती थी।

देवजानी के परिवार के सुदीप्त सेन से घरेलू संपर्क थे। इस कारण देवजानी पर सेन की नजर पड़ी। सेन को वर्ष 2000 के महानगर स्थित जोका के सारधा गार्डन का मालिक बनाने में भी देवजानी ने बड़ी भूमिका निभाई थी। सूत्रों के अनुसार 29 जनवरी, 1999 में एक परियोजना के प्रमोटर विश्वनाथ अधिकारी की मौत हो गई थी। सेन को इस मामले से बचाने में देवजानी ने अहम भूमिका निभाई थी। इस कारण भी देवजानी सेन के काफी नजदीक आई। गिरफ्तार होने के पहले तक देवजानी जिस फोन का उपयोग कर रही थी उसका नंबर सारधा टूर एंड ट्रैवेल्स के नाम पर पंजीकृत था। देवजानी सारधा समूह के आर्थिक लेन-देन का दायित्व कार्यकारी निदेशक के तौर पर संभालती थी। सेन के साथ सभी यात्राओं में वह साथ रहती थी। उसे 60 लाख का एक फ्लैट सेन ने उपहार स्वरूप भेंट किया था। वर्ष 2008 में देवजानी के पिता तिमिर मुखर्जी ने सेन को पत्र लिखकर दिया था कि देवजानी के बाहर की यात्रा से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इस प्रकार का पत्र उन्होंने क्यों लिखा था, इसे लेकर भी रहस्य है।

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