बंसल पर गिरी रिश्वतखोरी की गाज, बचाव में आई कांग्रेस

Janardan Dwivedi,नई दिल्ली। रेलवे घूसकांड मामले को तूल पकड़ता देख रेल मंत्री पवन बंसल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपने इस्तीफे की पेशकश की हैं। हालांकि कांग्रेस ने उनका बचाव करते हुए कहा है कि इस मामले में रेल मंत्री ने अपनी सफाई दे ही है और उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है।

कांग्रेस के प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि इस मामले में रेल मंत्री का सफाई आ गया है। उन्होंने खुद कहा है कि इस मामले में पूरी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा आप रेल मंत्री से अपेक्षा नहीं कर सकते हैं। उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस्तीफा मांगने का रोग हो गया है।

उधर, सूत्रों की मानें तो शनिवार की शाम कांग्रेस कोर कमिटी की बैठक होगी। बैठक का मकसद क्या है यह अभी स्पष्ट नहीं है। इस बीच यह भी खबर आ रही है कि सीबीआई रेल मंत्री से पूछताछ कर सकती है।

कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में सीबीआई की रिपोर्ट और 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट के झमेले में फंसी कांग्रेस एक और मसले में घिर गई है। यह मामला है रेलवे में प्रमोशन के लिए रिश्वतखोरी का। लेकिन, कांग्रेस झुकने को तैयार नहीं है। वह पूरी तरह से रेल मंत्री पवन बंसल के साथ है। पार्टी का कहना है कि पवन बंसल के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है।

गौरतलब है कि सियासी मोर्चे पर चौतरफा घिरी यूपीए सरकार की मुश्किलें इस बार रेल मंत्री पवन बंसल के भांजे ने बढ़ा दी हैं। सीबीआई ने रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे विजय सिंगला को रेलवे में प्रमोशन दिलाने के नाम पर रेलवे बोर्ड के मेंबर से 90 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। हालांकि, रेल मंत्री पवन ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस घूसकांड से उनका कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप की कर रेल मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रही हैं।

मामले में चौतरफा दबाव के बाद रेल मंत्री ने शनिवार की सुबह सफाई देते हुए कहा है कि इस रिश्वत कांड से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे सरकारी कामकाज में किसी का दखल नहीं है। विजय का भी नहीं। रेल मंत्री ने यहां तक कहा कि इस मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने सीबीआई से मांग की कि वह इस मामले में जल्दी जांच करे। शनिवार को बंसल को चंड़ीगढ़ जाना था, लेकिन उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया है।

बाद में शनिवार की दोपहर पवन बंसल प्रधानमंत्री से मिलने उनके आवास पर गए। उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की। प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर उन्हें क्या कहा यह बात सामने नहीं आई है, लेकिन कांग्रेस ने इस्तीफे की बात को खारिज कर दिया है। पार्टी ने कहा कि विपक्षी दलों को इस्तीफा मांगने का रोग लग गया है।

इस बीच इस मुद्दे पर एनडीए में भी फूट दिख रही है। जेडीयू के नेता शरद यादव ने कहा है कि अगर किसी मंत्री का कोई रिश्तेदार रिश्वतखोरी में शामिल है तो उसका यह मतलब नहीं कि मंत्री इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। उधर, भाजपा ने प्रधानमंत्री से बंसल का इस्तीफा मंजूर करने और खुद पीएम को भी इस्तीफा देने की मांग की है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा नब्बे लाख रुपये की घूस दिए जाने के मामले में भाजपा रेल मंत्री के इस्तीफे और उन पर सीबीआइ द्वारा मामला दर्ज कराने पर अड़ी है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया है कि रेलवे में ऊंचे पदों की बोली लग रही है। उन्होंने रिश्वत मामले में रेल मंत्री की भूमिका जांच की भी मांग की है।

इससे पहले बंसल ने कहा था कि सरकारी काम-काज में रिश्तेदारों का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। उन्होंने इस संबंध में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को रेल मंत्री के भांजे विजय कुमार सिंगला को सीबीआइ ने नब्बे लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा था। यह रकम उन्हें बतौर रिश्वत दो दिन पहले ही रेलवे बोर्ड के सदस्य बनाए गए महेश कुमार ने भिजवाई थी।

सीबीआइ ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही संसद न चलने के आसार और बढ़ गए हैं, क्योंकि अब प्रधानमंत्री और अश्रि्वनी कुमार के साथ-साथ पवन बंसल भी विपक्ष के निशाने पर होंगे। विपक्ष इस मामले में रेल मंत्री पर घूस लेने का आरोप लगा रहा है और उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। भाजपा का कहना है कि यह घूस रेल मंत्री के इशारे पर ही ली गई है।

सीबीआइ ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में विजय कुमार सिंगला को संदीप गोयल और मंजूनाथ नाम के दो मध्यस्थों के साथ गिरफ्तार किया। सिंगला का कहना है कि यह रिश्वत हाल में रेलवे के महाप्रबंधक से मेंबर [स्टाफ] नियुक्त किए गए महेश कुमार की ओर से पहुंचाई गई थी। माना जा रहा है कि उनकी निगाह रेलवे बोर्ड के मेंबर [इलेक्ट्रिकल] पर थी। दिल्ली से मुंबई पहुंचते ही महेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया। वह मध्य रेलवे मुंबई में महाप्रबंधक थे। एक दिन पहले ही उन्होंने रेलवे बोर्ड में मेंबर स्टाफ का पदभार ग्रहण किया था।

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