यूपी की धरा जन रही आइएएस

highest-ias-officers-given-by-up-inशामली। अपराध जहां यूपी के दामन पर बदनुमा दाग है, वहीं यहां के गन्ने की मिठास इसे मगरूर बनाती है। आपराधिक छवि से उभरने को खुद यूपी बेताब दिख रहा है। यहां की मिट्टी और आबोहवा भी ऐसा ही इशारा कर रही है। कुख्यातों को जन्मने वाली धरा अब अफसर जन रही है। अफसर भी ऐसे जो देश की सर्वोत्तम मानी जाने वाली कुर्सी पर बैठते हैं, यानी आइएएस।

शुक्रवार को आए सिविल सर्विस परीक्षा के नतीजों में यूपी के साथ-साथ वेस्ट से आधा दर्जन से ज्यादा का चयन इसकी बानगी है। यदि गौर करें तो एक दशक में उत्तर प्रदेश ने सबसे ज्यादा आइएएस दिए हैं। दूसरे पायदान पर तमिलनाडु है, जबकि भ्रांति मिटाता बिहार तीसरे नंबर पर है।

केंद्रीय कार्मिक, लोक सेवा एवं पेंशन मंत्रालय के अधीन कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की रिपोर्ट यही कहती है कि दशक भर में सबसे ज्यादा आइएएस यूपी ने दिए। पिछले दस सालों में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 172 सलेक्शन सिविल सर्विस के लिए हुआ, जबकि तमिलनाडु ने 134 सिविल सेवक दिए। बिहार 96 ‘लालफीताशाह’ देकर तीसरे पायदान पर रहा। महाराष्ट्र से 95 और राजस्थान से 91 आइएएस चयनित हुए।

खुला कई का खाता

केंद्र शासित प्रदेशों में कई का खाता दस साल से नहीं खुल सका। फेहरिस्त में दादर व नागर हवेली, दमनदीव, लक्ष्यद्वीप शामिल हैं। इनके अलावा दस साल में सबसे कम आइएएस त्रिपुरा, पाडूचेरी और अरुणाचल प्रदेश (2-2), जबकि गोवा, मेघालय, नागालैंड व सिक्किम से एक-एक चयनित हुए हैं।

एक दशक के टॉप फाइव प्रदेश

राज्य आइएएस

यूपी 172

तमिलनाडु 134

बिहार 96

महाराष्ट्र 95

राजस्थान 91

बीते साल के टॉप फाइव प्रदेश

यूपी 26

राजस्थान 20

तमिलनाडु 16

हरियाणा 15

केरल 12

महराष्ट्र 12

पंजाब 12

(नोट-आंकड़े केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अनुसार हैं।)

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