जेल में एक-दूसरे को देख भी नहीं सकेंगे भारत-पाक कैदी

jailजम्मू। जम्मू के कोट भलवाल जेल में बंद भारत और पाकिस्तान के कैदी अब एक दूसरे को देख भी नहीं सकेंगे। अब उनको किसी भी काम के लिए आवंटित समय में ही बैरक से बाहर निकलने के इजाजत होगी। दोनों मुल्कों के कैदियों के बीच किसी भी प्रकार की भिड़ंत ने हो, इसके लिए जेल प्रशासन को उचित कदम उठाने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

पाकिस्तानी कैदी सनाउल्लाह पर हमले के बाद शनिवार को गृहसचिव सुरेश कुमार व डायरेक्टर जनरल (डीजी), जेल के राजेंद्रा ने कोट भलवाल का दौरा किया। दोनों अधिकारियों ने जेल में कैदियों की सुरक्षा के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा की। इस दौरान किसी भी टकराव से बचने के लिए पाकिस्तानी कैदियों को भारतीय कैदियों से पूरी तरह अलग रखने के निर्देश दिए गए। गृहसचिव और डीजी ने जेल प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। उन्होंने जेल प्रशासन को सख्त हिदायत दी कि पाकिस्तानी कैदियों की पूर्व सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी कैदियों को बैरक से बाहर निकालने के समय में बदलाव लाया जाए, जिससे कि उनका सामना भारतीय कैदियों से न हो। मालूम हो कि कोट भलवाल में पाकिस्तानी कैदियों के लिए अलग से तीन बैरक बनाई गई हैं, लेकिन खाना खाने, बनाने, साफ-सफाई व अन्य दैनिक कार्यो के समय उन्हें भारतीय कैदियों के साथ ही बैरक बाहर निकाला जाता रहा है।

कोट भलवाल जेल में सुरक्षा में कोताही बरतने पर जेल वार्डन सहित छह और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें हेड वार्डन सुमन कुमार कोतवाल, कांस्टेबल रवि शर्मा, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल मोहन लाल शर्मा, ओम प्रकाश, शशि भूषण व यशपाल चौधरी शामिल हैं। इससे पहले जेल सुपरिंटेंडेंट रजनी सहगल के अलावा चार कांस्टेबलों को भी निलंबित किया जा चुका है।

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