जम्मू। लाहौर की कोट लखपत जेल में मारे गए जम्मू के चमेल सिंह को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर उनकी पत्नी कमलेश देवी ने खुदकुशी करने की चेतावनी दी है। कोट लखपत जेल के वार्डनों ने 15 जनवरी को चमेल सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
कमलेश ने कहा, ‘केंद्र व पंजाब सरकार की ओर से सरबजीत के परिवार को उचित वित्तीय सहायता के साथ परिजनों को नौकरी दी जा रही है, जबकि हमारी चार माह बाद भी कोई सुध नहीं ली गई।
पाकिस्तान में मेरे पति की हत्या भी ठीक ऐसे हालात में हुई है, जिनमें सरबजीत को मारा गया। दोनों के अंग निकाल लिए गए। ऐसे हालात में सरबजीत के परिवार की तरह अगर हमें भी इंसाफ न मिला तो डिवीजनल कमिश्नर कार्यालय में धरना दूंगी। पति को शहीद का दर्जा दिलवाने के लिए जरूरत पड़ी तो मैं आत्महत्या कर लूंगी।’ चमेल की पत्नी इस मुद्दे को लेकर रविवार को अखनूर में मीडिया से मुखातिब थी। चमेल की हत्या के प्रति कांग्रेस के रवैये को भेदभाव पूर्ण करार देते हुए कमलेश ने कहा कि सरबजीत के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए राहुल गांधी गए, लेकिन चमेल सिंह के अंतिम संस्कार में कोई नहीं आया। उनके परिवार को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।
गौरतलब है कि चमेल सिंह की हत्या के मुद्दे पर परिवार का साथ भाजपा व स्थानीय लोग भी दे रहे हैं। लेकिन, चमेल सिंह का परिवार सरकार की उपेक्षा से खुद को आहत महसूस कर रहे हैं।
सरबजीत के परिवार का हाथ थामना नैतिक जिम्मेदारी
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि पाकिस्तान की जेल में हुए हमले शहीद सरबजीत सिंह के परिवार का हाथ थामना प्रदेश सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरबजीत सिंह एक राष्ट्रीय शहीद हैं, क्योंकि एक भारतीय होने के नाते उनका पाकिस्तान की जेल में अंत कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरबजीत सिंह के परिवार के साथ किया हर वादा प्रदेश सरकार पूरा करेगी। इस संबंध उन्होंने संबंधित अधिकारियों को हिदायतें जारी कर दी हैं। गौरतलब है कि सरबजीत को शहीद का दर्जा मिलने पर पाकिस्तान की जेलों में मारे गए भारतीय के परिवार वालों ने भी समान व्यवहार करने की मांग उठाई है।