नई दिल्ली। अश्विनी कुमार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विश्वसपात्र माने जाते हैं। अपेक्षाकृत अनुभव में कमतर होने के बावजूद प्रधानमंत्री की सरपरस्ती के कारण ही उन्हें कानून मंत्रालय का प्रभार मिला।
अश्विनी कुमार कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता और कानून मंत्री के तौर पर कार्यरत हैं। उन्हें सलमान खुर्शीद के स्थान पर कानून मंत्री बनाया गया था।
अश्विनी कुमार का जन्म 26 अक्टूबर, 1952 को दिल्ली में हुआ था। उन्हें दिल्ली विश्वविद्याल से शिक्षा ग्रहण की। उनकी पत्नी का नाम मधु है। उनके एक पुत्र और एक पुत्री है। वह पंजाब से राज्यसभा सांसद हैं। 60 वर्षीय अश्विनी कुमार इंडो-जापान संसदीय ग्रुप के सदस्य भी हैं।
सीबीआइ ने 26 अप्रैल को कोर्ट में दायर हलफनामे में स्पष्ट तौर पर कहा है कि कानून मंत्री ने 12 मार्च को कोर्ट में पेश की गई सीलबंद रिपोर्ट को देखा था, जबकि कानून मंत्री ने दलील दी कि व्याकरण संबंधी त्रुटियों को देखने के लिए मंत्रालय में फाइल मंगाई गई थी। एक ओर जहां भाजपा किसी भी हाल में कानून मंत्री का इस्तीफा चाहती है। वहीं, दूसरी ओर सरकार अश्विनी कुमार को बचा रही है।
प्रधानमंत्री के खुलकर अश्विनी कुमार के पीछे खड़े होने के बावजूद कांग्रेस कोर कमेटी ने साफ कर दिया है कि उन्हें जाना होगा। बस इंतजार वक्त का है। पार्टी का एक खेमा कर्नाटक चुनाव के बाद उनकी विदाई के पक्ष में है, जबकि कई नेता अब इस फैसले में देरी पर नुकसान देख रहे हैं।