कर्नाटक में कांग्रेस को पड़ सकती है मदद की दरकार

congress-will-make-its-बेंगलूर। कर्नाटक विधानसभा के लिए रविवार को हुए मतदान के बाद सामने आए ज्यादातर सर्वे कांग्रेस की बढ़त दिखा रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए किसी की मदद की दरकार होगी या पार्टी को पूर्ण बहुमत के लायक सीटें मिल जाएंगी।

कुछ सर्वे नतीजों के मुताबिक कांग्रेस को 110 से 132 सीटें मिलने की उम्मीद है। कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 113 सीटों की जरूरत है। बुधवार सुबह आठ बजे 36 केंद्रों पर मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। राज्य की सभी सीटों पर ईवीएम के जरिये मतदान होने के चलते सभी सीटों के नतीजे दोपहर तक आ जाएंगे। कद्दावर लिंगायत नेता बीएस येद्दयुरप्पा द्वारा भाजपा से अलग होकर गठित की गई नई पार्टी कर्नाटक जनता पक्ष (केजेपी) के कुछ नेताओं का कहना है कि अगर कांग्रेस बहुमत से कम सीटें हासिल करती है, तो पार्टी समर्थन के लिए तैयार है।

हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस केजेपी का समर्थन लेगी या नहीं, क्योंकि पार्टी भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर लगातार येद्दयुरप्पा पर हमला करती रही है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वह बिना किसी की मदद लिए राज्य में सरकार बना लेगी। भाजपा को लगता है कि येद्दयुरप्पा पार्टी के कुछ प्रतिशत वोट काटकर सफल रहे। पिछले चुनावों में भाजपा को कांग्रेस से करीब एक प्रतिशत कम वोट हासिल हुए थे, लेकिन उसे 30 सीटें ज्यादा हासिल हुई थीं।

माना जा रहा है कि बी. श्रीरामुलू की बीएसआर कांग्रेस भी भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी। मैसूर की पेरियापटना सीट पर भाजपा प्रत्याशी की मौत के कारण मतदान 28 मई को होगा। 1978 के 71.90 फीसद मतदान के बाद इस बार सबसे ज्यादा 71.29 प्रतिशत मतदान हुआ है। कांग्रेस पिछले सात साल से कर्नाटक की सत्ता से दूर है। पिछली बार वर्ष 1999 में कांग्रेस अपने दम पर राज्य की सत्ता पर काबिज हुई थी। वहीं, भाजपा ने 2008 में अपने दम पर राज्य में सरकार बनाई थी।

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