आम चुनाव से पहले कांग्रेस का भाजपा को करारा झटका

karnatka assembly elections 2013, congress, bjpनई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भाजपा को एक और करारा झटका दिया है। पहले हिमाचाल, फिर उत्तराखंड और अब कर्नाटक में सत्ता छीनकर कांग्रेस ने भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। हालांकि भाजपा यह पहले से मानकर चल रही थी कि वह सत्ता में लौटने वाली नहीं है, लेकिन उसे ऐसा लग रहा था कि कम से कम वह 80 सीटें जीतकर अपनी साख बचा लेगी, पर ऐसा हो न सका और पार्टी तीसरे नंबर पर खिसक गई।

2008 में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 110 सीटें जीतकर दक्षिण भारत के किसी राज्य में पहली बार सरकार बनाई थी। लेकिन भ्रष्टाचार के कारण येदियुरप्पा के इस्तीफे और फिर पार्टी छोड़ने के कारण इस चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव कई मायनों में इसलिए महत्वपूर्ण था कि इससे 2014 के लोकसभा चुनाव का रुझान तय होना था। यहां स्थानीय मुद्दे ही हावी रहे। लोगों ने भ्रष्टाचार व महंगाई जैसे मुद्दों को ज्यादा तरजीह नहीं दी।

नितिन गडकरी के बाद पार्टी की कमान संभालने वाले राजनाथ सिंह और उनकी टीम के लिए कर्नाटक चुनाव पहली बड़ी चुनौती थी। लेकिन परिस्थिति ऐसी थी कि वहां पार्टी को कांग्रेस से कम अपने पुराने नेता येदियुरप्पा से ज्यादा संघर्ष करना पड़ रहा था। इसलिए राजनाथ एंड टीम वहां कुछ नहीं कर सकी।

केंद्र में सत्ता पाने की जद्दोजहद में जुटी भाजपा को कांग्रेस ने कर्नाटक के रूप में तीसरा झटका दिया। इससे पहले वह उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भाजपा से सत्ता छीन चुकी है। वहीं भाजपा केवल गोवा में ही कांग्रेस से सत्ता छीन सकी। हालांकि कर्नाटक के चुनाव परिणाम को 2014 चुनाव का रुझान नहीं माना जा सकता है, लेकिन भाजपा को अभी से सतर्क हो जाने की जरूरत है। कहीं ऐसा न हो कि लोकसभा चुनाव में अच्छी संभावनाओं के बावजूद पार्टी पिछड़ जाए और कांग्रेस एक बार फिर जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने में सफल हो जाए।

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