नई दिल्ली। कांग्रेस में अब घोटालों को लेकर किचकिच शुरू हो सकती है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तो घोटालों को लेकर गरमागरम बहस जारी है। इसी बीच राजनीतिक गलियारों में मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच दरार की खबरें आ रही हैं।
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कोलगेट और रेलगेट के सवाल पर जहां एक तरफ मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने संसद को ठप कर रखा है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस से भी सरकार को खास समर्थन नहीं मिल रहा।
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा अब आम हो चुकी है कि पीएम की चुप्पी पार्टी और सरकार दोनों के लिए खतरनाक है। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी भी चाहती हैं कि अब पीएम को सामने आकर इन घोटालों पर अपना पक्ष रखना चाहिए। मीडिया के सामने बताना चाहिए कि हमारे पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है। सोनिया गांधी समेत कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि सरकार की चुप्पी से भाजपा सरकार के विरोध में माहौल बनाने में सफल है। आम लोगों को यह मैसेज मिल रहा है कि सरकार के पास इन घोटालों पर सफाई देने के लिए कुछ नहीं है। सरकार छुपा रही है।
मगर, प्रधानमंत्री इस राय को ज्यादा अहमियत नहीं दे रहे। वह इस मसले पर मीडिया से बात करने को तैयार नहीं हैं। प्रधानमंत्री के करीबियों का मानना है कि पार्टी को इस मसले पर ज्यादा मजबूती से सरकार का बचाव करना चाहिए।
वैसे भी यह सभी जानते हैं कि अश्विनी कुमार और पवन बंसल पीएम के ज्यादा करीब है। इन दोनों मंत्रियों के पक्ष में कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने दमदार तरीके से मीडिया में बचाव नहीं किया। इससे भी पीएम के करीबी नाराज हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष की तरफ से मजबूती से बचाव नहीं करने का निर्देश दिया गया। ताकि दोनों मंत्रियों के इस्तीफे की गुंजाइश बनी रहे।