सरकार के वो पांच ‘दमदार’ जिन पर गिरी भ्रष्टाचार की गाज

rail minister pawan bansal, law minister ashwani kumar, ashwani kumar pawan bansal, a raja, suresh kalmadiनई दिल्ली। यूपीए-2 का विवाद, भ्रष्टाचार से चोली दामन का रिश्ता है। अभी एक मामला ठंडा नहीं होता कि दूसरे की आंच से सरकार पिघलने लगती है। बकरे की बलि चढ़ाने समेत ढ़ेर सारे उपाय करने के बावजूद रेल मंत्री पवन बंसल की कुर्सी चली गई। ठीक उसी तरह जैसे अश्विनी कुमार भी सीबीआइ पर नियंत्रण के चक्कर में निपट गए। चलिए हम आपको उन पांच दमदार चेहरों और मुद्दों को बताते हैं जो भ्रष्टाचार की बलि बेदी पर चढ़ गए।

ए. राजा.

पूर्व संचार मंत्री ए. राजा का इस्तीफा और जेल गए। 2 जी घोटाले में आरोपी हैं। सिर्फ 45 मिनट में लुट गए थे 1.76 लाख करोड़। पहले आओ पहले पाओ के नियम से हुई थी नीलामी। इन पर 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में घोटाले का आरोप है।

2जी मामले में ही केंद्रीय कपड़ा मंत्री पद से दयानिधि मारन को इस्तीफा देना पड़ा। आरोप है कि दयानिधि मारन ने एयरसेल नामक टेलीकॉम कंपनी के उस समय के मालिक सिवसंकरन पर दबाव डाला, जिसके कारण उन्हें एयरसेल में अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी।

सरकार की तमाम छीछालेदर के बाद रेल मंत्री पवन कुमार बंसल को इस्तीफा देना पड़ा। इनके भांजे पर 90 लाख रुपए घूस लेने का आरोप है।

कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भी इस्तीफा दिया। इन पर कोलगेट मामले में सीबीआइ की जांच रिपोर्ट में बदलाव कराने का आरोप है।

2010 में सबसे बड़ा घोटाला कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को इस्तीफा देना पड़ा था। कलमाड़ी 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेल की आयोजन समिति के प्रमुख थे और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच उन्हें अप्रैल 2011 में बर्खास्त किया गया था।

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