मनमोहन नहीं होंगे नवाज शरीफ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल

manmohan singgh 01नई दिल्ली। नवाज शरीफ के न्यौते पर पीएम मनमोहन सिंह का विचार बदल गया है। अब वे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान जाने का विचार बदल लिया है। गौरतलब है कि अपनी ताजपोशी की तैयारियों में जुटे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज [पीएमएल-एन] के प्रमुख नवाज शरीफ ने सोमवार को कहा था कि वह अपने शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आमंत्रित करेंगे। उल्लेखनीय है कि नवाज को जीत की बधाई के साथ मनमोहन उन्हें भारत आने का निमंत्रण पहले ही दे चुके हैं।

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भाजपा ने उनकी इस पहल को जल्दबाजी में उठाया गया कदम करार दिया है जबकि जम्मू-कश्मीर के मुख्य राजनीतिक दलों ने मनमोहन की इस पहल का स्वागत किया है।

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नवाज शरीफ ने मनमोहन सिंह को आमंत्रित करने के बारे में विदेशी पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, अगर वह यहां पर आते हैं तो यह हमारे और पाकिस्तान के लिए बहुत खुशी की बात होगी। उनसे पूछा गया था कि क्या वह अपने तीसरे शपथ ग्रहण समारोह में मनमोहन को बुलाने पर विचार कर रहे हैं? शरीफ ने कहा, उन्होंने [मनमोहन] ने मुझे रविवार को फोन किया था। फोन पर हमारी लंबी बातचीत हुई थी। उन्होंने मुझे भारत आने और मैंने उन्हें पाकिस्तान आने का न्योता दिया। वह वास्तव में पाकिस्तान के ही एक जिले के हैं। ज्ञातव्य है कि मनमोहन सिंह का पैतृक गृहनगर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का गाह है।

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शरीफ ने भारत के साथ संबंध बेहतर बनाने की बात अपने चुनावी घोषणा में भी कही थी। उन्होंने भारत-पाक के बीच शुरू की गई शांति वार्ता को दोबारा शुरू करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई है, जो 1999 में तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ द्वारा सैन्य तख्तापलट करने के बाद बाधित हो गई थी। शरीफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ शांति वार्ता की शुरुआत की थी।

उन्होंने कहा कि मनमोहन आते हैं या नहीं यह अलग मसला है, लेकिन उन्हें आमंत्रित करने में हमें खुशी होगी। साथ ही उम्मीद जताई कि मनमोहन शीघ्र ही पाकिस्तान आएंगे। भारतीय प्रधानमंत्री ने चुनाव में जीत दर्ज करने पर शरीफ को बधाई देने में कोई देरी नहीं की थी। तीसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने जा रहे शरीफ को भेजे खत में मनमोहन ने कहा था, दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्तों के संदर्भ में मैं आपके और आपकी सरकार के साथ काम करने का इच्छुक हूं। इसके साथ ही मैं आपको अपनी सुविधानुसार भारत आने का निमंत्रण भी देता हूं।

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