लखनऊ। समाजवादी पार्टी पर केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के हमलों का क्रम जारी है। मंगलवार को बेनी ने मुलायम सिंह व भाजपा के मधुर रिश्तों की कहानी बयां करते हुए बाबरी मस्जिद को गिराने को दोनों की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताया और घटनाक्रम के जुडे़ कई किस्से भी बतौर सबूत पेश किए। उन्होंने सपा पर ब्राह्माण सम्मेलनों को लेकर भी निशाना साधा और राममनोहर लोहिया के सिद्धांतों को उलटने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि लोहिया ने ताउम्र जाति तोड़ो, समाज जोड़ो अभियान चलाया लेकिन उनके नाम पर सियायत करने वाले ब्राह्माण सम्मेलन कराकर समाज में जातिवाद का जहर फैलाने की हर कोशिश कर रहे हैं। खुद को लोहिया के चेला बताने वाले मुलायम शायद दिशाभ्रम के शिकार हो गए। उन्होंने ब्राह्माण सम्मेलन कराकर लोहिया के नीतियों का अपमान ही नहीं किया वरन चौधरी चरण सिंह के सिद्धांतों को भी ठेस पहुंचाई है। चौधरी साहब ने जातीय नामों वाली शिक्षण संस्थाओं को मान्यता दिलाना बंद कराया था।
बेनी वर्मा सपा के ब्राह्माण सम्मेलन को लेकर ही आक्रामक दिखे क्योंकि जब उनसे बसपा के ब्राह्माण सम्मेलनों के बारे पूछा गया तो उनका कहना था बसपा से जातिवाद फैलाने की उम्मीद हो सकती है लेकिन लोहिया के नाम का ढोल बजाने वालों का जातिवाद फैलाना अखरता है। बेनी ने कहा कि ब्राह्माण खुद ही बहुत बुद्धिमान होते हैं। उनको समझाने के लिए सम्मेलनों की जरूरत कहां होती है? नासमझ पिछड़े उनको क्या समझा पाएंगे?
वरुण के बरी होने पर सरकार जवाब दे
भाजपा सांसद वरुण गांधी पर लगे मुकदमे खारिज होने और सरकारी गवाहों के मुकरने को बेनी प्रसाद ने सपा-भाजपा की आंतरिक दोस्ती का नतीजा बताते हुए कहा, राज्य सरकार को इस बारे में जनता को जवाब देना चाहिए। लचर पैरोकारी से साफ जाहिर है कि वरुण को सरकार ने बचाया है। बेनी वर्मा ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की आंधी चलने का दावा दोहराया। कहा कि कांग्रेस 50 सीटें लेकर प्रदेश में पहले स्थान रहेगी और बसपा दूसरे पर। सपा चार सीटों से आगे न बढ़ सकेगी।