मोदी की सिफारिश पर शाह को नहीं बनाया यूपी का प्रभारी: राजनाथ

rajnath singh fनई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा सत्ता पर वापसी के लिए उत्तर प्रदेश से आस लगाए बैठी है और इसके लिए भरोसा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खासमखास अमित शाह पर है। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टीम ने उत्तर प्रदेश के प्रभावी के तौर पर अमित शाह के नाम पर मुहर लगा दी है। शाह की नियुक्ति पर पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह कहते हैं कि मोदी की सिफारिश पर शाह को ये पद नहीं दिया गया है, बल्कि उनकी कर्मठता को देखते हुए पार्टी ने ये कदम उठाया है।

जबकि चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ का जेपी नड्डा तो दिल्ली का जिम्मा राधामोहन सिंह के पास को दिया गया है। पार्टी की ओर से वरुण गांधी को पश्चिम बंगाल की कमान सौंपी गई है। चंदन मित्रा को ओडीशा की जिम्मेदारी सौंपी गई है जहां बीजेडी सत्ता में है। तमिलनाडु में मुरलीधर राव तो आंध्रप्रदेश में मध्यप्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यहां टीएसआर और जगन मोहन को संभावित सहयोगी के तौर पर देखा जा रहा है।

टीम गठन के करीब एक महीने बाद राजनाथ ने उनके लिए कामकाज भी तय कर दिए हैं। शनिवार को दिन भर चलती रही बैठकों के बाद राजनाथ ने अपने गृहराज्य उत्तर प्रदेश की देखरेख का जिम्मा अमित शाह को देने का फैसला किया है। दरअसल शाह जहां अपने चुनावी प्रबंधन के लिए जाने जाते हैं, वहीं उनका खुद का उत्तर प्रदेश में कोई व्यक्तिगत हित नहीं है। चुनावी प्रबंधन से जुड़े दूसरे मुद्दों के लिहाज से भी उनका नाम संभवत सबसे सटीक माना गया है।

सूत्रों के अनुसार संघ पृष्ठभूमि के मुरलीधर राव को गैर हिंदी प्रदेश कर्नाटक दिया जा सकता है। उत्तर पूर्व और असम का कार्यभार एसएस अहलूवालिया को मिल सकता है। राजनाथ के करीबी माने जाने वाले राजीव प्रताप रूढी को महत्वपूर्ण राज्य दिया जाएगा जबकि पिछली बार तीन अहम राज्यों का जिम्मा संभाल रहे धर्मेद्र प्रधान को उत्तर भारत का कोई मध्यम राज्य दिया जा सकता है।

टीम गठन के समय बड़ी जिम्मेदारी की आशा पाले बैठे रमापति राम त्रिपाठी का कद प्रभार के मामले में बढ़ सकता है। नवंबर में चुनाव में जा रहे राजस्थान के बाबत देर रात तक कोई फैसला नहीं हो सका था। जबकि दिल्ली के लिए नाम तय नहीं हो पाया था। वैसे रेस में राधामोहन सिंह का नाम सबसे आगे था। संघ के दबाव में राजनाथ की टीम में आए प्रभात झा को कोई बड़ा तो नहीं लेकिन भविष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण राज्य दिया जा सकता है।

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