लखनऊ। ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल 28 मई को है। इसे लेकर मंदिरों में तैयारी पूरी हो गई है। भक्तों की ओर से भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा। अलीगंज के पुराने और नए हनुमान मंदिरों के अलावा छांछी कुआं हनुमान मंदिर और नादान महल रोड का पंचमुखी हनुमान मंदिर में विशेष आयोजन होंगे। राजधानी में बड़े मंगल पर हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
मान्यता है कि हनुमानगढ़ी भले ही अयोध्या में है, लेकिन राजधानी में बजरंग बली का गुणगान वहां से कम नहीं होता। यहां का प्राचीनतम हनुमान मंदिर ‘छांछी कुआं’ में गोस्वामी तुलसीदास ने काफी समय तक निवास किया था। नादान महल रोड का पंचमुखी हनुमान मंदिर भी बहुत पुराना है।
‘जब्ती बगिया’ का हनुमान मंदिर नवाब आसफुद्दौला ने सन् 1790 में बनवाया था। नवाब सआदत अली खां मसनद नशीन होते ही बीमार पड़ गए थे, तब उनकी मां राजमाता छतर कुंवर (जनाबे आलिया के नाम से मशहूर) ने हनुमान जी से अपने बेटे की मनौती मांगी थी और उनके स्वस्थ होने पर अलीगंज का पुराना हनुमान मंदिर बनाया, जिसके शिखर पर चांद लगा है।
यहां आज भी बड़े मंगल पर विशेष पूजा-अर्चना के साथ ही मेला लगता है। यह भी कहा जाता है कि अवध के अंतिम शासक वाजिद अली शाह के शासन काल में इत्र के व्यापारी जाटमल ने अलीगंज में दूसरा हनुमान मंदिर, एक सिद्धि साधक वैरागी की कामना से बनवाया। इस मंदिर की प्रतिमा स्वप्नादेश से निकट पुष्करणी से प्राप्त हुई थी और ये ज्येष्ठ महीने का पहला मंगल था।
बड़े मंगल का मेला वास्तव में वीर हनुमान का प्रकट्योत्सव पर्व है और तब से ही लखनऊ में अलीगंज के मेले की परंपरा कायम हुई, जो अब भी बरकरार है।
महापौर ने किया निरीक्षण
बड़े मंगल पर हनुमान मंदिरों पर सफाई, प्रकाश व पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के उद्देश्य को लेकर महापौर डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को प्रमुख हनुमान मंदिरों का निरीक्षण किया। महापौर ने नगर निगम व जलकल विभाग के साथ ही उद्यान, मार्ग प्रकाश व्यवस्था व आरआर विभाग के अधिकारियों को मंदिरों पर व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
विज्ञान व प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री प्रो. अभिषेक मिश्र द्वारा जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा बड़े मंगल की तैयारी को लेकर हनुमान मंदिरों का निरीक्षण किया। मंत्री ने सफाई व्यवस्था, बिजली व पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।