रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में दैवीय आपदा के बाद राहत कार्यो में लगा भारतीय वायुसेना का एमआइ 17 हेलीकॉप्टर मंगलवार शाम दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना में वायुसेना और अर्धसैनिक बलों के उन्नीस लोगों के मारे जाने की आशंका है। गौरीकुंड के नजदीक हुई इस दुर्घटना के शिकार हुए आठ लोगों के शव मिल गए हैं, शेष की तलाश का काम जारी है। अंधेरा हो जाने के कारण जंगली पहाड़ी इलाकों में मृतकों और हेलीकॉप्टर के मलबे की तलाश का कार्य बुधवार को भी जारी रह सकता है। दुर्घटनाग्रस्त हुआ एमआइ 17 वी 5 हेलीकॉप्टर अत्यंत उच्च गुणवत्ता वाला था और इसे गत वर्ष ही रूस से खरीदकर वायुसेना में शामिल किया गया था। यह 80 हेलीकॉप्टर खरीद के सौदे का हिस्सा था। इससे युद्धस्थल पर भारी वाहनों और उपकरणों को भी ले जाया जा सकता है। उत्तराखंड में बड़ी संख्या में लोगों के फंसे होने की वजह से इसकी सेवाएं ली गईं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी के अनुसार हेलीकॉप्टर में वायुसेना के चालक दल के अतिरिक्त आइटीबीपी और एनडीआरएफ के जवान भी थे। यह हेलीकॉप्टर राहत सामग्री और अंतिम संस्कार का सामान लेकर गौचर से गुप्तकाशी होते हुए केदारनाथ के लिए उड़ा था। केदारनाथ से वापसी के दौरान यह गौरीकुंड के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नई दिल्ली में वायुसेना के प्रवक्ता ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है। प्रवक्ता के अनुसार दुर्घटना के शिकार लोगों में वायुसेना के तीन अधिकारी शामिल हैं।
रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक वरिंदरजीत सिंह के मुताबिक दुर्घटना के कारणों अभी तक पता नहीं चला है। माना जा रहा है कि खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ। गौचर हवाई पंट्टी पर मौजूद वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का मंगलवार को केदारनाथ का यह तीसरा चक्कर था। दुर्घटना की बड़ी वजह इलाके में बारिश और धुंध हो सकती है।
दुर्घटना का शिकार हुआ हेलीकॉप्टर पूर्वी कमान के पश्चिम बंगाल स्थित बैरकपुर वायुसेना अड्डे पर मूल रूप से तैनात था। वायुसेना ने दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। राहत कार्य के दौरान हुई यह दूसरी हवाई दुर्घटना है। रविवार को एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के नजदीक दुर्घटना का शिकार हो गया था। उसमें उसका पायलट घायल हो गया था।