नई दिल्ली। आने वाली पहली जुलाई से रेलवे का टिकट वक्त रहते रद नहीं कराना और महंगा पड़ेगा। रेलवे ने 15 साल बाद रिफंड नियमों को सरल बनाने के बहाने मुसाफिरों पर और बोझ डाल दिया है। अब अनरिजर्व टिकट हो या रिजर्व, रद कराने की नौबत आने पर जल्द से जल्द ऐसा करने में ही समझदारी होगी।
अनरिजर्व टिकट रद कराने के लिए अवधि का निर्धारण अब ट्रेन की रवानगी के बजाय टिकट खरीदने के वक्त से किया जाएगा। अब ऐसे टिकट तीन घंटे के भीतर रद कराने पर क्लर्केज शुल्क (20 रुपये) काटकर बाकी किराया रिफंड होगा। यदि ऐसा टिकट काफी पहले खरीद लिया गया है तो यात्रा के 24 घंटे पहले तक रद कराने पर क्लर्केज शुल्क काटकर बाकी किराया रिफंड के रूप में मिलेगा।
रिजर्व टिकटों के मामले में अब ट्रेन रवानगी के नियत समय से 48 घंटे या उससे पहले (अभी 24 घंटे पहले) टिकट रद कराने पर न्यूनतम रद्दीकरण शुल्क फर्स्ट एसी टिकट पर 120 रुपये, सेकंड एसी पर 100 रुपये, थर्ड एसी पर 90 रुपये, स्लीपर क्लास पर 60 रुपये और द्वितीय श्रेणी साधारण पर 30 रुपये होगा। ये बढ़े शुल्क रेल बजट 2013-14 में घोषित हुए थे और पहली अप्रैल से लागू हैं।
अब ट्रेन छूटने के नियत समय से 48 से 6 घंटे पहले तक (अभी 24-4 घंटे पहले) रिजर्व टिकट रद कराने पर किराये की 25 फीसद राशि काटी जाएगी। जबकि छह घंटे के भीतर (मौजूदा चार घंटे) टिकट रद कराने पर 50 फीसद किराया कटेगा। ट्रेन छूटने के दो घंटे बाद कोई रिफंड नहीं मिलेगा।
एक से ज्यादा व्यक्तियों के लिए जारी टिकट के मामले में कंफर्म यात्रियों का टिकट रद कराने पर क्लर्केज शुल्क काटकर पूरा रिफंड मिलेगा। बशर्ते पूरा टिकट छह घंटे पहले (अभी चार घंटे) रद कराया गया हो। क्लर्केज शुल्क फर्स्ट एसी पर 30 रुपये, द्वितीय श्रेणी (साधारण-आरक्षित) पर 20 रुपये और बाकी सभी श्रेणियों के लिए 30 रुपये है।
200 किमी, 200-500 किमी, 500 किमी से अधिक दूरी की यात्रा वाले आरएसी टिकटों को ट्रेन छूटने के तीन घंटे पहले तक रद कराने पर सिर्फ क्लर्केज शुल्क काटा जाएगा। ट्रेन छूटने के तीन घंटे बाद आरएसी व वेटिंग टिकटों पर कोई भी रिफंड नहीं मिलेगा। सुदूरवर्ती व पर्वतीय इलाकों में शाम सात से सुबह छह बजे के बीच छूटने वाली ट्रेनों के मामले में रिफंड संबंधित स्टेशन पर रिजर्वेशन ऑफिस खुलने के दो घंटे तक लिया जा सकेगा।
लेट ट्रेन का टिकट रद कराने पर पूरा किराया वापस होगा और क्लर्केज शुल्क भी नहीं काटा जाएगा। बशर्ते टिकट ट्रेन छूटने से पहले रद कराया जाए। अभी 200, 200-500 और 500 किमी से अधिक दूरी की यात्रा के मामलों में ट्रेन छूटने पर क्रमश: 3, 6 या 12 घंटे बाद तक टिकट रद कराने पर पूरा किराया वापस मिलता है।
कंफर्म या आरएसी टिकट खोने, खराब होने या फटने पर रिजर्वेशन चार्ट बनने तक स्टेशन मास्टर डुप्लीकेट टिकट जारी कर सकता है। इसके लिए द्वितीय श्रेणी व स्लीपर क्लास पर प्रति यात्री 50 रुपये और इससे ऊपर की श्रेणियों के लिए 100 रुपये शुल्क वसूला जाएगा। बंद, धरना प्रदर्शन या बाढ़ की स्थिति में यदि ट्रेन छूट जाती है तो अब 90 दिनों के बजाय 10 दिन के भीतर चीफ कामर्शियल मैनेजर (रिफंड) को रिफंड का आवेदन करना होगा।