उत्तराखंड: संकट में सेना के जवान, अफसर परेशान

26_06_2013-26p3बरेली। उत्तराखंड में सोमवार रात से दोबारा शुरू हुई भारी बारिश ने बचाव अभियान में जुटे जवानों को भी संकट में डाल दिया है। बरेली की 54 इंजीनियर रेजीमेंट की दो टीमें दुर्गम इलाकों में फंस गई हैं। जवानों का रेजीमेंट से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है, जिससे अफसर भी परेशान हैं। सिर्फ इतना पता चल पाया है कि एक टीम रास्ता ध्वस्त होने के कारण उत्तरकाशी के निकट कहीं फंस गई है।

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गौरतलब है कि उत्तराखंड में आई आपदा में 54 इंजीनियर रेजीमेंट की दो टुकड़ियां मेजर सार्थक विश्वास और मेजर निखिल कुमार के नेतृत्व में राहत कार्यो को अंजाम दे रही हैं। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, मेजर निखिल कुमार के नेतृत्व में गई टीम उत्तरकाशी से 40 किलोमीटर पीछे कांतीशौद के निकट बारिश मार्ग ध्वस्त होने के कारण फंस गई है। इस टीम में दो जेसीओ और 60 जवान हैं। टीम का सोमवार शाम के बाद रेजीमेंट से संपर्क टूटा हुआ है। टीम के सामने पहले स्वयं वहां से निकलने और फिर दूसरों को निकालने की चुनौती है।

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वहीं, दूसरी ओर मेजर सार्थक विश्वास के नेतृत्व वाली टीम सोमवार शाम को जोशीमठ पहुंच चुकी थी। चूंकि, जोशीमठ से आगे का रास्ता पूरी तरह ध्वस्त है। रेजीमेंट को हनुमान चेट्टी से लांबागड़ चेट्टी की ओर पुल बनाते हुए आगे बढ़ना है। इसके लिए वहां से आगे जवानों ने अपनी पीठ पर लादकर पुल बनाने का सामान ले जाना शुरू किया था। मंगलवार सुबह वे लोग लांबागढ़ चेट्टी पहुंच चुके थे, मगर इसके बाद उनकी कोई लोकेशन नहीं मिली।

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