लखनऊ, [जाब्यू]। कांग्रेस महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री शुक्रवार को पांच सदस्यीय टीम के साथ राजधानी आकर नई जिम्मेदारी की विधिवत शुरुआत करेंगे। वह जोनल प्रभारियों और समन्वयकों के साथ बैठक के बाद पार्टी विधायकों, नेताओं एवं पदाधिकारियों से मिलेंगे। मिस्त्री की अगवानी के लिए प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री गुरुवार शाम लखनऊ आ गए।
मिस्त्री के साथ पार्टी के चार राष्ट्रीय सचिव भी आएंगे जिनमें दिल्ली के विधायक नसीब सिंह, उत्ताराखण्ड के प्रकाश जोशी, असम के विधायक राणा गोस्वामी और मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक जुबैर खान शामिल हैं। ये चारों उत्तार प्रदेश के सह प्रभारी हैं।
मिस्त्री को कांग्रेसी नेताओं के साथ-साथ यहां की गुटबाजी से भी रूबरू होना पड़ेगा। ताजा मामला तो केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा का ही है जिन्होंने अभी दो दिन पहले ही अपने नेतृत्व को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। सारी बातें प्रभारी महासचिव के संज्ञान में हैं और अब यह एक तरह से उनका भी इम्तिहान होगा कि वह बेनी बाबू अथवा अन्य बड़बोले नेताओं पर कैसे नकेल कसते हैं।
मधुसूदन का कभी उत्तार प्रदेश से वास्ता नहीं रहा ऐसे में उनके लिए यह फायदे और घाटे दोनों की वजह बन सकता है। उत्तार प्रदेश में उनका कोई पूर्व नियोजित स्वार्थ न होना उन्हें कड़ाई से काम करने की दिशा में सहायक हो सकता है। कठोर निर्णय लेने के मामले में मिस्त्री के लिए उनकी राहुल गांधी से निकटता सहायक सिद्ध हो सकती है बशर्ते कि यह आगे भी बनी रहे।