नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संप्रग सरकार चाहकर भी संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए कानून तो नहीं बना सकी, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में 50 फीसद तक महिलाओं की भागीदारी की बात जरूर छेड़ दी है। उन्होंने अगले दो-तीन साल में संगठन में 50 प्रतिशत तक महिलाओं के होने की पैरवी की है। कांग्रेस की नजर पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा चुनाव पर भी है, लिहाजा पार्टी उपाध्यक्ष ने पदाधिकारियों को मतभेद भुलाकर चुनाव की तैयारियों में जुट जाने की नसीहत दी है।
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आगामी चुनावों के मद्देनजर बीते दिनों संगठन [अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी-एआइसीसी] में हुए फेरबदल के बाद शनिवार को राहुल गांधी ने पार्टी की नई टीम को कामकाज का पहला पाठ पढ़ाया। राहुल ने एक-एक पदाधिकारी का परिचय लिया। पार्टी के सभी 12 महासचिवों व 44 सचिवों की मौजूदगी में लगभग दो घंटे चली इस बैठक में संगठन की बेहतरी के लिए कई नेताओं ने अपने अनुभव साझा किए।
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उसी क्रम में बात संगठन में महिलाओं की भागीदारी तक पहुंच गई।
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बताते हैं कि महासचिव लुजिनो फलेरो ने बताया कि वह सेवन सिस्टर कहे जाने वाले उत्तर-पूर्व राज्यों का प्रभार देखते हैं। इस पर राहुल ने तपाक से कह दिया कि यहां तो संगठन में सिर्फ सिक्स सिस्टर्स [छह बहनें] ही हैं, उन्हें बढ़ाया जाना चाहिए। गौरतलब है कि कांग्रेस संगठन में सिर्फ अंबिका सोनी ही इकलौती महिला महासचिव हैं, जबकि 44 सचिवों में सिर्फ पांच महिलाएं हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता भक्तचरण दास ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि राहुल गांधी ने महिलाओं के आरक्षण की नहीं, बल्कि संगठन में उनके 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व की बात कही है। उनका कहना था कि संगठन जितना बड़ा है, उस लिहाज से उसमें महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं है। लिहाजा, अगले दो-तीन वर्षो में इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक किया जाना चाहिए। बैठक में कांग्रेस कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा भी मौजूद थे।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पार्टी पदाधिकारियों को महात्मा गांधी के आदर्शो पर चलने की सलाह देते हुए चुनावों के नजरिये से संगठन को मजबूत करने व एकजुट होने की नसीहत दी। राहुल गांधी ने सभी पदाधिकारियों से आपसी मतभेद भुलाकर चुनाव में अभी से जुट जाने की बात कही है। बताते हैं कि इस बैठक में उन्होंने दूसरी पार्टियों से गठजोड़ जैसे मुद्दों व दूसरे दलों के नेताओं पर कोई बातचीत नहीं की। इसकी पुष्टि पार्टी प्रवक्ता भक्तचरण दास ने भी की।
यह पूछे जाने पर कि बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री व भाजपा चुनाव अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी नरेंद्र मोदी पर भी बात नहीं हुई? दास ने कहा, ‘क्या आप मानते हैं कि पार्टी इस तरह की बातों में रुचि रखती है। हम तो उन्हें महत्व ही नहीं देते, बल्कि नजरअंदाज करते हैं’।