कानपुर, निज संवाददाता। नेपाल सीमा से चरस, स्मैक व अन्य नशीले पदार्थो की तस्करी में सुंदर बालाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। नशे के तस्कर गिरोह में शामिल युवतियां ट्रेनों की आरक्षित बोगियों में माल लेकर चलती हैं और एजेंट के जरिए कानपुर देहात या उन्नाव के रेलवे स्टेशनों पर उतार देती हैं। इस काम के बदले उन्हें मोटा कमीशन मिलता है।
चरस तस्करी के आरोप में रायपुरवा पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह के दो सदस्यों ने सुंदर युवतियों के जरिए नेपाल सीमा से माल लाए जाने की जानकारी देकर पुलिस को चौंका दिया। रायपुरवा थानाक्षेत्र में आपरेशन ऑल आउट के दौरान चेकिंग में डिप्टी पड़ाव निवासी संजय गुप्ता व देवनगर के दयाशंकर अवस्थी के कब्जे से पांच किलो चरस बरामद हुई थी।
रायपुरवा एसओ आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया गिरफ्तार किए गए दोनों युवक एक लाख रुपये का माल घाटमपुर के एक युवक से लाए थे। उन्होंने बताया है कि घाटमपुर का युवक आसपास के क्षेत्र में नशीले पदार्थ की बड़ी आपूर्ति करता है। उसके नेपाल, बहराइच और रक्सौल बार्डर पर बैठे तस्कर आकाओं से संबंध हैं। गिरोह में कई सुंदर युवतियां हैं जो ट्रेनों की आरक्षित बोगियों में बैठकर माल उन्नाव व कानपुर देहात के स्टेशनों पर उतारती हैं। ट्रेन की दूसरी बोगी में गिरोह के एजेंट बैठे रहते हैं। एसओ ने बताया कि गिरोह की तलाश में एक टीम बहराइच व रक्सौल बार्डर भेजी गई है। जल्दी ही पूरे संजाल का पर्दापाश किया जाएगा।
एक किलो पर तीन हजार कमीशन
नशे की तस्करी में कैरियर के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली युवतियों को एक किलो माल पर ढाई से तीन हजार रुपये कमीशन मिलता है। कई बार तो ये लड़कियां ट्रेन में सफर कर रहे युवकों को अपने जाल में फंसाकर उनके बैग में नशीला पदार्थ रख देती हैं और स्टेशन के बाहर ले लेती हैं।