लखनऊ : आजमगढ़ के जीयनपुर में शुक्रवार पूर्वाह्न पूर्व विधायक एवं बसपा नेता सर्वेश सिंह सीपू समेत दो लोगों की गोली मारकर हत्या के बाद उपद्रव में पुलिस फायरिंग में एक व्यापारी की मौत हो गई। एक अन्य घायल व्यक्ति ने अस्पताल के रास्ते में दम तोड़ दिया। छह घंटे तक चले गुरिल्ला युद्ध में भीड़ ने पुलिस की दो जीपें व आठ बाइकें फूंक दी। घटना में एसपी सीओ समेत एक दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू जीयनपुर बाजार में रहते थे। सुबह उनसे मिलने के लिए रौनापार थाना क्षेत्र के मऊ कुतुबपुर गांव निवासी भरत राय उर्फ सिल्लू पहुंचे। उनका कोतवाली में कोई काम था। सर्वेश सिंह उन्हें लेकर करीब नौ बजे कोतवाली पहुंचे। वहां से दोनों लोग लौटकर घर आए। उसके बाद पूर्व विधायक ने अपने चालक बबलू सिंह से वाहन निकालने को कहा। सीपू को बाढ़ क्षेत्र का दौरा करने जाना था। अभी वाहन गैलरी से बाहर निकलने का वह इंतजार कर रहे थे कि दो युवक वहां पहुंचे और उन्हें नमस्कार किया। इसी बीच दोनों ने असलहा निकालकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु कर दी। जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। बदमाशों की संख्या तीन थी। घटना को अंजाम देने के बाद तीनों भाग ही रहे थे कि तभी घटनाक्रम देख रहे एक युवक ने शोर मचा दिया। इस पर बदमाशों ने उस पर भी गोली चला दी। घटना के बाद नागरिकों का गुस्सा भड़क गया। बड़ी संख्या में लोग बाजार में एकत्र हो गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी व पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद लोगों ने कोतवाली का घेराव कर दिया। नारेबाजी व पथराव होने से पुलिस को भी फायरिंग करनी पड़ी। जिसमें गल्ला व्यापारी जीतेंद्र (18) की मौत हो गई। कई अन्य लोग जख्मी हो गए। पथराव से डरे अधिकारी घटनास्थल तक नहीं गए। भीड़ का तेवर देख थाने से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। किसी तरह से पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगो को खदेड़ा। यहां तक की आइजी जोन जीएल मीणा दूसरे रास्ते से कोतवाली पहुंचे। पुलिस व उग्र लोगों के बीच हुए गुरिल्ला युद्ध में एसपी समेत दर्जनभर से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। भीड़ ने पुलिस की जीपों में आग लगा दी। तथा कोतवाली में घुसकर आठ बाइक फूंक दी। पथराव व गोलीबारी में घायल पांच पुलिस कर्मियों समेत 17 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनमें से चंद्रकांत चौबे (50) की रास्ते में ही मौत हो गई। घटना को लेकर अब भी तनाव बना हुआ है।