नई दिल्ली, जांस। यासिन भटकल को पूछताछ के लिए आज दिल्ली लाया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने में माहिर यासीन भटकल दिसंबर 2009 में फर्जी नकली नोटों के साथ कोलकाता में गिरफ्तार हुआ था। लेकिन उसने अपनी पहचान छिपा ली थी। कोलकाता पुलिस भी उसे पहचान नहीं पाई थी। जब तक केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को उसकी गिरफ्तारी की सूचना मिली वह दो सप्ताह जेल में रहकर जमानत पर रिहा होकर फरार हो चुका था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार यासीन भटकल बेहद शातिर दिमाग है। एक बार कोलकाता मे उसने एक पुलिस कांस्टेबल को दीवार पर चस्पा अपना पोस्टर घूरते देखा तो पुलिसकर्मी के पास जाकर उसने पूछा कि जिस व्यक्ति का पोस्टर लगा है वह कौन है? कांस्टेबल ने बताया कि वह यासीन भटकल नामक एक खूंखार आतंकवादी का पोस्टर है। इतना ही नहीं जब कोलकाता पुलिस ने नकली नोटों के साथ यासीन को पकड़ा तो उसने अपना नाम बुल्ला मलिक बताया था। पुलिस ने उसके बारे में ज्यादा छानबीन की जरूरत महसूस नहीं की थी।
स्पेशल सेल की पूछताछ में मोहम्मद इरशाद ने बताया था कि यासीन ने उसके कहा था दिल्ली में वारदात को अंजाम देने के लिए वह हथियार या विस्फोटक बाहर से नहीं लाएंगे। क्योंकि इसमें पकड़े जाने का अंदेशा था। इसलिए उसने इरशाद से मीरबाग स्थित उसके प्लाट में अवैध हथियारों की फैक्टरी खोलने को कहा। हथियार बनाने के लिए कारीगर व डाई का इंतजाम भी यासीन ने ही किया था। यही बनी पिस्टल से जामा मस्जिद गोलीकांड को अंजाम दिया गया।